पहले विश्वकर्मा श्रम सम्मान, अब मां लक्ष्मी का भी वरदान
पहले विश्वकर्मा श्रम सम्मान अब मां लक्ष्मी का भी वरदान
पहले विश्वकर्मा श्रम सम्मान, अब मां लक्ष्मी का भी वरदान
बलरामपुर: रोटी, कपड़ा व मकान जैसी मूलभूत जरूरतें पूरी करने के लिए महानगरों की तरफ भागदौड़ करने वालों की परेशानी को देखते हुए सरकार ने परंपरागत व्यवसाय बढ़ाने की सराहनीय पहल की है। दर्जी, बढ़ई, राजगीर, मोची, कुम्हार, सुनार, लोहार, रसोइया समेत अन्य हुनर सीख चुके लोगों को अब अपना व्यवसाय शुरू करने में आ रही पूंजी की दिक्कत से निजात मिल जाएगी। अब तक इनके परंपरागत रोजगार को निखारने के लिए इन्हें विश्वकर्मा श्रम सम्मान में छह दिवसीय प्रशिक्षण देने के साथ टूल किट व प्रशिक्षण भत्ता दिया जाता रहा। अब तक 250 प्रतिदिन के हिसाब से छह दिन का प्रशिक्षण भत्ता 1500 रुपये दिया जाता था, लेकिन अब यह 400 प्रतिदिन करते हुए 2400 रुपये कर दिया गया है। साथ ही अब इन्हें प्रधानमंत्री मुद्रा योजना से भी लाभान्वित किया जाएगा। इसमें वह बिना गारंटी के न्यूनतम ब्याज पर 50 हजार से 10 लाख रुपये तक ऋण बैंकों से ले सकेंगे। प्रशिक्षण के लिए आवेदन करने के दौरान ही उन्हें इच्छुक होने पर मुद्रा योजना का लाभ दिलाने के लिए आवेदन करा दिया जाएगा। यही नहीं जो लोग प्रशिक्षण ले चुके हैं, उन्हें भी योजना का लाभ दिलाया जाएगा।