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यहां आग में खाक हो जाते हैं बचाव के अरमां

जेठ की दुपहरी शुरू होते जिले में आग की विनाशलीला शुरू हो गई है। एक माह के भीतर जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में 50 से अधिक मकान आग की लपटों में राख हो गए। जबकि सात लोग झुलस चुके हैं। हर साल आग से भीषण तबाही मचती है लेकिन अग्निशमन विभाग खुद मदद को जूझ रहा है। आग से बचाव के लिए प्रतिवर्ष अग्निशमन विभाग पर लाखों रुपये वेतन व अन्य संसाधनों पर खर्च होने के बाद भी कर्मचारी एवं संसाधनों का टोटा बरकरार है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 27 May 2020 10:25 PM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 06:02 AM (IST)
यहां आग में खाक हो जाते हैं बचाव के अरमां
यहां आग में खाक हो जाते हैं बचाव के अरमां

बलरामपुर : जेठ की दुपहरी शुरू होते जिले में आग की विनाशलीला शुरू हो गई है। एक माह के भीतर जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में 50 से अधिक मकान आग की लपटों में राख हो गए। जबकि सात लोग झुलस चुके हैं। हर साल आग से भीषण तबाही मचती है, लेकिन अग्निशमन विभाग खुद मदद को जूझ रहा है। आग से बचाव के लिए प्रतिवर्ष अग्निशमन विभाग पर लाखों रुपये वेतन व अन्य संसाधनों पर खर्च होने के बाद भी कर्मचारी एवं संसाधनों का टोटा बरकरार है। एक माह में आग से हाहाकार :

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-आठ मई को पचपेड़वा क्षेत्र के मानपुर गांव में निवासी ओमप्रकाश पाल के घर आग लगने से गृहस्थी राख हो गई। 16 अप्रैल को गैंसड़ी क्षेत्र के गनवरिया कलां के मजरा भोलाडीह गांव में अज्ञात कारणों से लगी आग में 21 मकान जलकर राख हो गए थे। 11 अप्रैल को सादुल्लाहनगर क्षेत्र के बंजरिया गांव में छह मकान जल गए। एक महिला व बालिका झुलस गई। तुलसीपुर तहसील क्षेत्र में एक माह में 30 गांवों में अग्निकांड हुए। पांच लोग झुलस गए। अग्निशमन केंद्र को मदद की दरकार :

-21 लाख से अधिक की आबादी वाले जिले में अग्निशमन केंद्र को मदद की दरकार है। धर्मपुर के परिषदीय विद्यालय के जर्जर भवन में अग्निशमन केंद्र है। आग लगने पर दमकल कर्मी पहले पानी के लिए चीनी मिल जाते हैं। पानी लेने के बाद घटना स्थल के लिए निकलते हैं। मदद पहुंचने सब कुछ राख हो जाता है। यह है तहसीलों का हाल :

-तुलसीपुर थाना परिसर में एक बैरक में संसाधन विहीन फायर स्टेशन है। सुविधा के नाम पर एक छोटा व एक बड़ा दमकल वाहन है। उतरौला तहसील क्षेत्र के बदलपुर गांव में फायर स्टेशन का भवन तैयार है, लेकिन कार्यदायी संस्था ने हस्तांतरित नहीं किया है। संसाधनों का है अभाव :

-अग्निशमन प्रभारी राजमंगल सिंह का कहना है कि चीफ फायर ऑफिसर का एक व फायर ऑफीसर के तीन व सहायक फायर ऑफीसर के चा पद रिक्त हैं। लीडिग फायरमैन के सात पदों पर चार की तैनाती है। सात चालकों के सापेक्ष पांच व फायरमैन के 53 पदों के सापेक्ष 36 की तैनाती है। सात बड़े दमकल वाहनों के सापेक्ष तीन उपलब्ध हैं। छोटी गाड़ी तीन है। जबकि छह होनी चाहिए।


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