और ड्यूटी लगवाने को करते रहे जुगाड़
अपनी ड्यूटी को गैंसड़ी में तैनात लगाई गई शिक्षिका अपनी ड्यूटी को गैंसड़ी में तैनात लगाई गई शिक्षिका अपनी ड्यूटी को गैंसड़ी में तैनात लगाई गई शिक्षिका अपनी ड्यूटी को गैंसड़ी में तैनात लगाई गई शिक्षिका अपनी ड्यूटी को गैंसड़ी में तैनात लगाई गई शिक्षिका
बलरामपुर : स्पोर्ट्स स्टेडियम में शनिवार को ड्यूटी कटवाने वालों के साथ रिजर्व में लगे कर्मचारी चुनाव में ड्यूटी लगवाने का जुगाड़ भी लगाते दिखे। गैंसड़ी के रिजर्व पंडाल में ड्यूटी फार्म लिए खड़े संतोष ने बताया कि रिजर्व से अच्छा स्थाई ड्यूटी लग जाना है। इसमें मतदान कर्मियों से अधिक भटकना पड़ता है। कहाकि आज पूरे दिन पंडाल में इंतजार करने के बाद रविवार को तहसील में बैठना पड़ेगा। इसका कोई पारिश्रमिक भी नहीं मिलेगा। गैंसड़ी में तैनात कोई कर्मी ड्यूटी न करना चाहता हो तो मुझसे बदल सकता है। रिजर्व में लगी साक्षी भी ड्यूटी वितरण के लिए कांउटर नंबर 24 पर बैठे अधिकारियों से ड्यूटी लगवाने का तरीका पूछती रहीं। ड्यूटी बदलने को मिलते रहे फोन
- पचपेड़वा में रहने वाली सलोनी की ड्यूटी तुलसीपुर में लगी थी। जबकि उनकी बहन दीपाली को चुनाव कराने के लिए गैंसड़ी में लगाया गया था। ऐसे में स्वयं भी बहन के साथ चुनाव ड्यूटी में गैंसड़ी जाने के लिए सलोनी ने गैंसड़ी में मतदानकर्मी बनाईं गईं प्राथमिक विद्यालय धुसाह प्रथम की सहायक अध्यापिका अनीता को तीन बार फोन लगाया, लेकिन अनीता ने स्वयं गैंसड़ी में ड्यूटी करने की बात कहकर उनकी उम्मीद पर पानी फेर दिया। ऐसे ही अन्य कई पुरुष व महिला मतदानकर्मी ड्यूटी बदलने के लिए एक दूसरे को फोन घुमाते रहे।
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