बॉटम : सरकारी विभागों की मनमानी, निगल रही जिदगानी
संकेतक बोर्ड न होने से वाहन चालक हो रहे दुर्घटना के शिकार एक सप्ताह में एक की मौत दो घायल
बलरामपुर : कोहरे का प्रकोप बढ़ते ही सड़क सुरक्षा के दावों की हवा निकल गई है। लोक निर्माण व सिचाई विभाग के अधिकारी पुल-पुलियों का निर्माण तो करा रहे हैं, लेकिन आमजन की जिदगी का जरा भी परवाह नहीं है। करीब दस दिन पहले रेहरा-उतरौला मार्ग पर कोहरे के कारण निर्माणाधीन पुल के गड्ढे में गिरने से बाइक सवार की मौत हो गई थी।
बीते मंगलवार की भोर ललिया-बरदौलिया मार्ग पर निर्माणाधीन पुलिया के गड्ढे में गिरने से स्कॉर्पियो सवार युवक घायल हो गया। घटनाओं की वजह वाहन चालकों को सतर्क करने के लिए कोई संकेतक बोर्ड का न होना था। ऐसे में अफसरों की मनमानी आमजन के लिए जानलेवा साबित हो रही है।
केस एक : 19 जनवरी की भोर इटवा जनपद सिद्धार्थनगर निवासी ब्रजभूषण पांडेय स्कॉर्पियो से शिवपुरा स्थित नर्सिंग होम में आ रहे थे। रास्ते में ललिया-बरदौलिया मार्ग पर सरयू नहर विभाग की ओर से माइनर पुल का कार्य चल रहा है। यहां डायवर्जन का बोर्ड नहीं लगा है। एप्रोच मार्ग की मिट्टी पटाई भी नहीं हुई है। कोहरे के कारण स्कॉर्पियो पुल से टकराकर क्षतिग्रस्त हो गई थी। दुर्घटना में घायल ब्रजभूषण की हालत गंभीर होने पर जिला मुख्यालय पर इलाज कराया गया।
केस दो : 12 जनवरी को रेहराबाजार-उतरौला मार्ग पर भरोसेगंज के पास लोक निर्माण विभाग की ओर से निर्माणाधीन पुलिया से नीचे गड्ढे में गिर जाने से बाइक सवार रिकू मोदनवाल निवासी सुभानगर कोतवाली उतरौला की मौत हो गई थी। उसके साथ बैठा हर्षित मोदनवाल गंभीर रूप से घायल हो गया। दोनों बाइक सवार स्वामीनारायण छपिया मंदिर से दर्शन कर सोमवार की शाम बाइक से लौट रहे थे। दोनों बाइक समेत पुल से करीब 15 फीट गहरे गड्ढे में गिर गए।
लापरवाही पर होगी कार्रवाई :
- अपर जिलाधिकारी अरुण कुमार शुक्ल का कहना है कि विभागाध्यक्षों को निर्माण कार्यो में आमजन की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखने की हिदायत दी गई है। कार्य प्रगति पर है, डायवर्जन आदि के संकेतक बोर्ड लगाकर ही कार्य कराया जाए। ऐसा न होने पर संबंधित कार्यदायी संस्था के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।