तराई क्षेत्रों के किसानों को रास आ रही सब्जियों की खेती
बलरामपुर : तराई क्षेत्र के किसानों को पारपंरिक खेती से मोह भंग हो रहा है। किसानों क
बलरामपुर : तराई क्षेत्र के किसानों को पारपंरिक खेती से मोह भंग हो रहा है। किसानों को हरी सब्जी की खेती रास आने लगी है। वह सब्जी की खेती कर अपने परिवार की जीविका तो चला रहे है। साथ ही ग्रामीणों को मजदूरी भी नियमित रूप से मिल रही है। लोगों को घर बैठे रोजगार मिल रहा है।
तराई क्षेत्र की हरी सब्जी गोरखपुर, सिद्धार्थनगर, गोंडा, फैजाबाद, बहराइच, तुलसीपुर, बस्ती, लखनऊ की मंडियों में धमक दिख रही है। खेतों से रोजाना एक हजार क्विंटल सब्जियां दूसरी मंडियों को आपूर्ति की जा रही है। जिसमे करेला, कद्दू, लौकी, खीरा, शिमला मिर्च, हरी मिर्च शामिल है। लंबू बताते है कि गर्मी में लीज पर जमीन लेकर सब्जी की खेती की तैयारी शुरू कर देते हैं। जायद में बैगन, कद्दू, लौकी, तोरई, गोभी, ¨भडी की खेती वैज्ञानिक विधि से बीज की बोआई की जाती है। खेत में देशी गोबर की खाद डालकर खेतों की गहरी जोताई तीन से चार बार किया जाता है। रामनिवास यादव बताते है कि सब्जी की खेती तराई के कोड़री, मंगरा कोहल, मथुरा बाजार, बसंतपुर, रामनगर, रसईपुरवा में बहुतायत में किया जा रहा है। करीब एक हजार ग्रामीणों को प्रतिदिन रोजगार मिल रहा है।