गर्म हुआ मिलावट का बाजार, रस्म अदायगी में जुटे जिम्मेदार
खाद्य पदार्थों में धड़ल्ले से हो रही मिलावट रंगरोगन से चमकाकर हो रहा सेहत से खेल
बलरामपुर : त्यौहारों की आहट से मिलावट का बाजार गर्म हो गया है, लेकिन जिले का खाद्य सुरक्षा महकमा आमजन की सेहत को लेकर जरा भी गंभीर नहीं है। कारण शहर से लेकर गांवों, कस्बों में मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है। यही नहीं, मुनाफा कमाने के चक्कर में व्यापारी कालातीत खाद्य व पेय पदार्थ लोगों को परोसने में गुरेज नहीं कर रहे हैं। दूषित व मिलावटी खाद्य पदार्थों का सेवन कर लोग बीमारियों की गिरफ्त में आ रहे हैं। इन सबके बावजूद इसे रोकने के लिए कोई उपाय नहीं है। जब त्यौहार नजदीक आता है, तो खाद्य सुरक्षा विभाग के अफसरों की नींद टूटती है। जो अभियान के नाम पर रस्मअदायगी कर अपनी जेबें गर्म कर लेते हैं। जो नमूने लिए भी जाते हैं, उसकी रिपोर्ट ही नहीं आती है। लिए गए नमूने में कितने फेल हुए और क्या कार्रवाई की गई, इसका जवाब भी देने में अधिकारी कतरा रहे हैं।
किस खाद्य पदार्थ क्या होती है मिलावट :
-बेसन में गेहूं आटा
-अरहर, मिट्टी की दाल में पीली मिट्टी
-उड़द में काली मिट्टी या कंकड़ पत्थर
-कड़वा तेल में पाम ऑयल
-हल्दी में मैदा या पीला रंग
-पिसि मिर्च में गेरू रंग
-धनिया में पीसा हुआ लकड़ी का बुरादा
-जीरा में महीन खराब सौंफ
-तेज पत्ता में यूकेलिप्टस पत्ती
-काली मिर्च में पपीता का बीज
सब्जियों में भी मिलावट :
-खाद्य पदार्थों के साथ सब्जियों में भी खेल हो रहा है। भिडी,कुंदरू,शिमला मिर्च, परवल पर हरा रंग,गाजर,टमाटर को लाल, बैंगन पर नीले रंग चढ़ाकर उसे ताजा दिखा दिया जाता है। ऐसी सब्जियां सेहत को नुकसान पहुंचाती हैं। इससे लोग विभिन्न रोगों के शिकार हो जाते हैं।
फेल नमूने पर होती कार्रवाई :
-मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी विनोद कुमार पांडेय ने बताया कि निरीक्षण किया जाता है। छापेमारी में लिए गए 80 प्रतिशत नमूने फेल निकलते हैं। इनसे जुड़े प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई की संस्तुति की जाती है।