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खुशनुमा मौसम में बहती रही चुनाव की पुरवाई

वक्त सुबह नौ बजे। पुरवा हवा के बीच बौद्ध परिपथ पर आवागमन करने वाले अधिक थे। क्योंकि चुनाव में ही नेता दिखाई पड़ते हैं। बात काटते हुए तरूण कुमार मिश्र कहते हैं कि देखो भाई किसानों को दो किस्त मिल चुकी है। किसानों को अपना फर्ज निभाने का समय आ गया है। पांच साल के विकास को देख लें उसी आधार पर देशहित में मतदान करें। किसानों व व्यापारियों सभी की समस्याएं खत्म हो जाएंगी। जनता किसी के बहकावे में आने वाली नहीं है। श्रीनरायन मिश्र ने

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 Apr 2019 10:11 PM (IST)Updated: Wed, 24 Apr 2019 10:11 PM (IST)
खुशनुमा मौसम में बहती रही चुनाव की पुरवाई
खुशनुमा मौसम में बहती रही चुनाव की पुरवाई

बलरामपुर : वक्त सुबह नौ बजे। पुरवा हवा के बीच बौद्ध परिपथ पर आवागमन करने वाले अधिक थे। क्योंकि सुबह मौसम खुशनुमा था। हरिहरगंज बाजार में एक दुकान पर बैठे लोग चुनावी चर्चा में व्यस्त थे। चाय के लिए आवाज देते हुए भवानी प्रसाद कहते हैं कि किसान हित में कार्य करने वाले को ही जनता अपना नेता चुनेगी। क्योंकि चुनाव में ही नेता दिखाई पड़ते हैं। बात काटते हुए तरुण कुमार मिश्र कहते हैं कि देखो भाई किसानों को दो किस्त मिल चुकी है। किसानों को अपना फर्ज निभाने का समय आ गया है। पांच साल के विकास को देख लें, उसी आधार पर देशहित में मतदान करें। किसानों व व्यापारियों सभी की समस्याएं खत्म हो जाएंगी। जनता किसी के बहकावे में आने वाली नहीं है। श्रीनरायन मिश्र कहते हैं कि कोई 72 हजार देने का वादा कर रहा है तो कोई पांच लाख इलाज के लिए देने का दावा कर रह है। किसान हित में कार्य करने वाले को ही जनता अपना समर्थन देगी। देश की सुरक्षा के लिए सदैव तत्पर रहने वाले पर ही जनता भरोसा कर रही है। जाति, धर्म व भेदभाव को भुलाकर 12 मई को मतदान करें। चाय की चुस्की लेते हुए धर्मेंद्र मिश्र कहते हैं कि समान नागरिक कानून लागू करने की दिशा में भी राजनीतिक दलों को पहल करनी होगी। चाय का गिलास हटाते हुए राजितराम तिवारी कहते हैं कि यह चुनाव प्रधानी का नहीं है। देश को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री चयन का चुनाव है। बीच में ही रोकते हुए पेशकार उपाध्याय कहते हैं कि राष्ट्रीयता के नाम पर वोट करने वाले जाति-पात नहीं देखते हैं। लोकतंत्र की रक्षा का मुद्दा सबसे बड़ा है। सबकी बात सुनने के बाद अफ्तार लंबी सांस लेते हुए कहते हैं कि विकास दिख रहा है। गांवों में बिजली मिल रही है। रसोई गैस सिलिडर से महिलाओं की जिदगी बदल दी है। असगर अली कहते हैं कि आतंकवाद का सफाया किया जाए। इसके लिए राजनीतिक दलों को ठोस कदम उठाना होगा। इस तरह की चर्चाएं गली मुहल्लों व ग्रामीण बाजारों में आम हैं।

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