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आंवले के पेड़ की छांव में राष्ट्रवाद के लिए मतदान की हो रही बतकही

जासं बलरामपुर वक्त सुबह 9.30 बजे। तुलसीपुर ब्लॉक के ग्राम लोहेपनिया के खलिहान में लगे आंवला पेड़ की छांव के नीचे बैठे ग्रामीण चुनावी चर्चा में मशगूल थे। अखबार पढ़ते हुए दीनानाथ कहते हैं कि सूरज की तपिश पर मतदाताओं का जोश भारी पड़ा है। चुनाव का रंग सभी के सिर चढ़कर बोल रहा है। पांच साल के विकास को आधार बनाकर 12 मई को मतदान के लिए लोग बूथ पर जाएंगे। बीच में रोकते हुए प्रधान महेंद्र तिवारी कहते हैं कि चुनाव में ही नेता गांव की गलियों में दिखते हैं। उसके बाद पांच साल तक कोई देखने नहीं आता है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 07 May 2019 10:46 PM (IST)Updated: Tue, 07 May 2019 10:46 PM (IST)
आंवले के पेड़ की छांव में राष्ट्रवाद के लिए मतदान की हो रही बतकही
आंवले के पेड़ की छांव में राष्ट्रवाद के लिए मतदान की हो रही बतकही

बलरामपुर : वक्त सुबह 9.30 बजे। तुलसीपुर ब्लॉक के ग्राम लोहेपनिया के खलिहान में लगे आंवला पेड़ की छांव के नीचे बैठे ग्रामीण चुनावी चर्चा में मशगूल थे। अखबार पढ़ते हुए दीनानाथ कहते हैं कि सूरज की तपिश पर मतदाताओं का जोश भारी पड़ा है। चुनाव का रंग सभी के सिर चढ़कर बोल रहा है। पांच साल के विकास को आधार बनाकर 12 मई को मतदान के लिए लोग बूथ पर जाएंगे। बीच में रोकते हुए प्रधान महेंद्र तिवारी कहते हैं कि चुनाव में ही नेता गांव की गलियों में दिखते हैं। उसके बाद पांच साल तक कोई देखने नहीं आता है। गांव में सड़कें कच्ची हैं। बाढ़ केबाद लोगों को आवागमन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। हैंडपंप खराब है, उसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। अधिकारी आम जन की समस्याओं का निराकरण नहीं करते हैं। इशारा करते हुए गौरव कहते हैं कि बिजली के खंभे लगे हैं। साल भर हो गया तार नहीं खींचा गया है। कागज में गांव रोशन कर दिया गया। जनप्रतिनिधियों से शिकायत के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई। विश्वनाथ कहते हैं कि विकास का मुद्दा तो है, लेकिन राष्ट्र पहले हैं। राष्ट्रवाद के नाम पर मतदान सभी कर रहे हैं। अलखराम कहते हैं कि नमो की धूम है। सम्मान धनराशि देकर किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने का प्रयास किया गया है। चंपा कहतीं हैं कि देखो भैया गैस मिला है। अब धुंआ से छुट्टी मिल गई है। इसलिए महिलाएं भी वोट डालने के लिए काफी उत्साहित हैं। कमला देवी व नायका कहतीं हैं कि घर-घर शौचालय बन गया है। इससे काफी राहत मिली है। गांवों में सफाई दिखने लगी है। रामराजी, सोनी व सहिदुल कहतीं हैं कि किसको वोट देना है अभी तय नहीं किया है। डॉ. हकीम कहते हैं कि देश सबसे पहले हैं। देश की सुरक्षा सबके लिए जरूरी है। उसके साथ बेरोजगारी दूर करने के लिए ठोस कदम उठाने की भी आवश्यकता है। मतदान करना सभी का अधिकार है। लोकतंत्र की मजबूती के लिए एक-एक वोट महत्वपूर्ण है। इस तरह की चर्चाएं गांवों में भी आम है।

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गांव वाले जिधर जाएंगे वहीं वोट देंगे।

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