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उम्मीदों की धार में बहते रहे सीवर लाइन के अरमां

उम्मीदों की धार में बहते रहे सीवर लाइन के अरमांउम्मीदों की धार में बहते रहे सीवर लाइन के अरमांउम्मीदों की धार में बहते रहे सीवर लाइन के अरमांउम्मीदों की धार में बहते रहे सीवर लाइन के अरमांउम्मीदों की धार में बहते रहे सीवर लाइन के अरमां

By JagranEdited By: Published: Wed, 01 May 2019 10:54 PM (IST)Updated: Wed, 01 May 2019 10:54 PM (IST)
उम्मीदों की धार में बहते रहे सीवर लाइन के अरमां
उम्मीदों की धार में बहते रहे सीवर लाइन के अरमां

संसदीय क्षेत्र श्रावस्ती के दोनों जिलों में जनपद सृजन के 22 साल बाद भी शहर में सीवर लाइन की व्यवस्था नहीं हो सकी है। मुहल्लों के गंदे पानी को शहर से बाहर निकालने के लिए बने नाले गंदगी से पटे हुए हैं। यही नहीं, नालों पर पक्का निर्माण व अतिक्रमण होने से उसका वजूद खत्म होता जा रहा है। नियमित सफाई न होने से बारिश में नाले उफना जाते हैं। जिससे सड़क व गली-मुहल्लों में जलभराव हो जाता है। बलरामपुर में 51 शक्तिपीठों में शुमार देवीपाटन मंदिर व श्रावस्ती में बौद्ध तपोस्थली होने से यहां देश व विदेश के श्रद्धालुओं की आमद वर्ष भर बनी रहती है। इसके बाद भी नगरों में सीवरेज की व्यवस्था न होने से उन्हें गंदगी के बीच आवागमन करना पड़ता है। यही नहीं, शहरपनाह नालों में जमा गंदगी संक्रामक बीमारियों का भी सबब बनी रहती है। अब तक के जनप्रतिनिधियों ने सीवरेज व्यवस्था की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है। जिससे इस गंभीर समस्या से लोगों को निजात नहीं मिल पा रही है। बलरामपुर से रमन मिश्र की रिपोर्ट :

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शहरपनाह नालों पर अतिक्रमण का बोलबाला :

-चोक नालियां व गली-मुहल्ले में जल निकासी की समुचित व्यवस्था न होने से जलभराव की समस्या बढ़ती जा रही है। शहर का गंदा पानी निकलने के लिए बने नालों पर अतिक्रमण होने के कारण जलनिकासी व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। हल्की बारिश होते ही मुहल्लों में जलभराव हो जाता है। जिससे गंदगी के बीच होकर गुजरने में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। नगर पालिका व नगर पंचायत प्रशासन ठोस उपाय करने के बजाय अपनी जिम्मेदारियों से कन्नी काट रहा है। जिले में दो नगर पालिकाएं बलरामपुर व उतरौला एवं दो नगर पंचायतें तुलसीपुर, पचपेड़वा हैं। चारों नगर निकायों के वार्डों में चोक नालियां जल निकासी में रोड़ा बनी हुई हैं। जिससे मुहल्ले की सड़कों पर गंदगी व जलभराव की स्थिति बनी रहती है। नगर पालिका बलरामपुर के गोविदबाग, पहलवारा, तुलसीपुर, नई बस्ती, अचलापुर, पूरबटोला, खलवा, अंधियारीबाग, भगवतीगंज, नौशहरा, सिविल लाइन समेत सभी मुहल्लों में नालियां गंदगी से भरी पड़ी हैं। वीर विनय चौराहा से गोंडा, तुलसीपुर व बहराइच मार्ग पर नालों पर अतिक्रमण कर दुकानें सजा ली गई हैं। हल्की बरसात होने पर नालियों का गंदा पानी मुहल्ले की सड़क पर बहने लगता है।

नियमित सफाई न होने से बढ़ी समस्या :

-बलरामपुर, उतरौला, तुलसीपुर व पचपेड़वा में गली-मुहल्लों का गंदा पानी निकलने का एकमात्र जरिया नाला ही है। शहरपनाह नालों में कूड़ा-कचरा फेंकना लोगों की आदत में शुमार हो चुका है। कचरा जमा होने से बारिश में नाले उफना जाते हैं। नालियों व नालों की नियमित सफाई न होने से समस्या दूर होने का नाम नहीं ले रही है। जिससे गंदगी के कारण संक्रामक बीमारियां भी पांव पसार रही हैं। नगर पालिका व नगर पंचायत प्रशासन नाले-नालियों की सफाई का दावा तो कर रहा है, लेकिन नालों से अतिक्रमण हटवाने में प्रशासन को पसीने छूट रहे हैं। कमोवेश यही हाल नगर पालिका उतरौला, नगर पंचायत तुलसीपुर व पचपेड़वा का भी है। जहां हल्की बारिश में ही जलनिकासी व सफाई के दावों की पोल खुल जाती है। स्थायी उपाय न होने से गंदगी व जलभराव के बीच रहना नगरवासियों की मजबूरी बनी हुई है। ठंडे बस्ते में है सीवर लाइन की योजना :

-नगर में सीवर लाइन की रूपरेखा तो तैयार की गई, लेकिन अब तक उसे अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है। प्रधानमंत्री जनविकास योजना से प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। जल निगम व अल्पसंख्यक विभाग संयुक्त रूप से बलरामपुर नगर के 25 मुहल्लों में सीवर लाइन बिछाने के लिए बजट अवमुक्त कराने को प्रयासरत है। इसके अलावा श्रावस्ती संसदीय क्षेत्र में कहीं अन्य सीवरेज की कल्पना नहीं की गई है। जबकि श्रावस्ती में बौद्ध तपोस्थली होने से विदेशों से आने वाले बौद्ध धर्मावलंबियों को यहां की गंदगी विकास का आईना दिखा रही है।


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