कात्यायनी माता की आराधना, देवी दरबार में उमड़े भक्त
जागरण संवाददाता बलिया शारदीय नवरात्र के छठें दिन गुरुवार को भक्तों ने मां कात्यायनी की प
जागरण संवाददाता, बलिया : शारदीय नवरात्र के छठें दिन गुरुवार को भक्तों ने मां कात्यायनी की पूजा-आराधना की। यह मां दुर्गा का छठवां अवतार है। शास्त्रों में कहा गया है कि मां कात्यायनी, कात्यायन ऋषि की पुत्री थीं। इसी के चलते इनका नाम कात्यायनी पड़ गया। मां कात्यायनी अमोघ फलदायिनी मानी गई हैं।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, अगर मां कात्यायनी की पूजा की जाए तो विवाह में आ रही सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। वहीं, अगर भक्त मां की सच्चे मन से आराधना करता हैं तो मां की आज्ञा से व्यक्ति को चक्र जाग्रति की सिद्धियां मिल जाती हैं। सिर्फ यही नहीं, व्यक्ति रोग, शोक, संताप और भय से भी मुक्ति पा लेता है। मां कात्यायनी को प्रसन्न करना आसान माना जाता है
देवी दरबार में आस्थावानों की सुबह से ही कतार लगी रही। नवरात्र में शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्माण्डा, स्कंद माता के बाद मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। देवी मंदिरों में मां का भव्य स्वरूप भक्तों को विभोर कर रहा था। चेहरे पर हल्की मुस्कान, सिर पर मुकुट और आठों हाथों में अस्त्र और शस्त्र शोभायमान हो रहे थे। शंकरपुर स्थित शांकरी भवानी मंदिर, ब्रह्माइन स्थित मां ब्रह्माणी देवी मंदिर, कपूरी स्थित मां कपिलेश्वरी मंदिर, मंगला भवानी मंदिर, उजेड़ा के भवानी मंदिर व खरीद की भवानी मंदिर में मां के पूजन अर्चन को आस्था का सैलाब उमड़ा। श्रद्धालुओं ने पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ मां का पूजन- अर्चन किया।