योजनाओं पर सवाल कर रही महिला की असहनीय गरीबी
जागरण संवाददाता, मनियर (बलिया) : सरकारी योजनाओं की शोर से पूरा प्रदेश गूंज रहा है ¨क
जागरण संवाददाता, मनियर (बलिया) : सरकारी योजनाओं की शोर से पूरा प्रदेश गूंज रहा है ¨कतु गरीब के दरवाजे पर वह शोर सुनाई ही न दे तो योजनाओं और सरकार की व्यवस्था पर उंगली तो उठेगी ही। आज के परिवेश में जनप्रतिनिधियों की नजर भी साधन संपन्न लोगों पर ही ज्यादा है। गरीब वर्ग तो केवल उन्हें वोट के समय ही याद आते हैं। गरीबी की चादर में लिपटी ऐसी ही एक महिला अपने नाबालिग बच्चों और रोगी पति को लेकर लाचारी और बेबसी की ¨जदगी जी रही है। उसकी झोपड़ी की ओर किसी की भी नजर तक नहीं गई। न तो अधिकारी और न ही किसी जनप्रतिनिधि ने उसकी दशा को आज तक करीब से देखने का प्रयास किया। मनियर ब्लाक के घाटमपुर राजभर बस्ती की निवासी सावित्री देवी पत्नी जीतन राजभर (40) पति-पत्नी दोनों टीवी के रोगी हैं। घर में अनाज का एक दाना भी नहीं है। कोई रहम करता है तो घर पर उस दिन की रात अच्छा भोजन नसीब हो जाता है, नहीं तो सबकुछ राम भरोसे। इनके दो जुड़वां बेटे गोलू व सोनू (10) अंकित (5) व एक लड़की सुनीता (8) है। एक बड़ी लड़की निशा की शादी हो चुकी है। ग्रामीण तथा पीड़ित सावित्री बताती है कि कई दिनों तक घर में चूल्हा नहीं जल पाता है। आवास के नाम पर उसके पास केवल दो झोपड़ी है जिसमें एक में चारपाई है तथा दूसरे में भोजन बनाने के लिए मिट्टी का चूल्हा है। राशन कार्ड के विषय में पूछे जाने पर सावित्री देवी ने बताया कि राशन कार्ड था जो भूल गया। सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान पर जाने पर व गिड़गिड़ाने पर अनाज तो मिल जाते हैं लेकिन राशन उठाने के लिए भी हाथ में पैसे नहीं रहते। उक्त महिला को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत न तो सिलेंडर ही मिले हैं और न प्रधानमंत्री आवास। शौचालय तक भी इन्हें नसीब नहीं हुआ। इसके बावजूद भी अधिकारी हर पात्र तक योजनाओं के पहुंचने का दावा करते हैं। वहीं सावित्री के हालात तमाम व्यवस्थाओं पर सवाल खड़ा करता है। ---------वर्जन-------
उसके इस हालात की जानकारी नहीं थी। संज्ञान में आने के बाद मौके पर जाकर जांच किया जाएगा और उसके हक की जितनी भी योजनाएं भी उसे मुहैया कराया जाएगा। संबंधित पंचायत के प्रधान से और सचिव से भी मदद को कहा जाएगा।
नन्द लाल, खंड विकास अधिकारी, मनियर।