आखिर कब मिलेगी रसड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को दुर्व्यवस्थाओं से निजात
अगर पूरे भारत मे लागू हो एनआरसी तो पूरा देश कश्मीर हो जाएगा देश मे नही है मजबूत विपक्ष अगर पूरे भारत मे लागू हो एनआरसी तो पूरा देश कश्मीर हो जाएगा देश मे नही है मजबूत विपक्ष अगर पूरे भारत मे लागू हो एनआरसी तो पूरा देश कश्मीर हो जाएगा देश मे नही है मजबूत विपक्ष अगर पूरे भारत मे लागू हो एनआरसी तो पूरा देश कश्मीर हो जाएगा देश मे नही है मजबूत विपक्ष अगर पूरे भारत मे लागू हो एनआरसी तो पूरा देश कश्मीर हो जाएगा देश मे नही है मजबूत विपक्ष अगर पूरे भारत मे लागू हो एनआरसी तो पूरा देश कश्मीर हो जाएगा देश मे नही है मजबूत विपक्ष अगर पूरे भारत मे लागू हो एनआरसी तो पूरा देश कश्मीर हो जाएगा देश मे नही है मजबूत विपक्ष
जागरण संवाददाता, रसड़ा (बलिया) : रसड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जनपद मुख्यालय के बाद दूसरा सबसे महत्वपूर्ण अस्पताल है। यहां सैकड़ों की संख्या में लोग प्रतिदिन इलाज के लिए आते हैं कितु महिला चिकित्सक सहित अन्य विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी, आधुनिक चिकित्सा संसाधनों का अभाव तथा सीएचसी परिसर में थोड़ी सी बारिश के बीच भारी जल जमाव की समस्या यहां नासूर बन गई है। नतीजतन मरीजों को समुचित इलाज यहां संभव नहीं हो पा रहा है। इस सीएचसी की दुर्व्यवस्थाएं यहीं खत्म नहीं हो जाती, मरीजों सहित आशा बहुओं तक को बैठने के लिए यहां कोई विशेष इंतेजाम नहीं कराए जाने से वे खुली व बजबजाती नालियों के पटरियों के किनारे बैठने को विवश हैं।
सबसे चौकाने वाला पहलू तो यह कि थोड़ी सी बारिश क्या होती है परिसर के अंदर तथा पीछे पानी ही पानी लग जाता है। परिसर का उच्चीकरण न कराया जाना तथा नगर पालिका परिषद द्वारा नालियों की मरम्मत व विशेष सफाई न कराना इसका मुख्य कारण है। स्वास्थ्य विभाग सहित पालिका परिषद को भी मालूम है कि अस्पताल में प्रतिदिन हजारों लोग आते हैं कितु इस बड़ी समस्या की तरफ ध्यान देना मुनासिब नहीं समझते। बारिश के दौरान परिसर में एक पल ठहरना मुश्किल हो जाता है। अस्पताल के पीछे फार्मासिस्टों का आवास है जहां अक्सर पानी लगा रहता है। इसी मार्ग से प्रतिदिन कई कोचिग संस्थाओं की छात्र-छात्राएं व हजारों की आबादी पानी व कीचड़ से होकर गुजरती है कितु उनकी सुधि लेना वाला कोई नहीं है। यहां पर अधीक्षक सहित कुल आठ चिकित्सकों की तैनाती होनी चाहिए जिसमें मात्र एक बाल रोग विशेषज्ञ, तीन एमबीबीएस की तैनाती की गई है। यहां कई वर्षों से एमडी, सर्जन, हड्डी रोग विशेषज्ञ, नाक, गला, कान रोग विशेषज्ञ व महिला चिकित्सकों की कमी होने के बावजूद विभाग व जनप्रतिनिधि खामोश रहकर मरीजों की जख्मों पर नमक छिड़कते रहे हैं। 30 बेड वाले इस सीएचसी की हालत यह है कि आधुनिक जांच मशीनों का यहां अभाव है। मरीज बाहर से ही सभी जांच कराते हैं।
यहां पर अल्ट्रासाउंड तक की व्यवस्था नहीं है। वहीं एक्सरे मशीन तो है कितु रख-रखाव के अभाव में वह भी धूल फांक रही है। शुद्ध पेयजल के लिए लगाया गया आरओ प्लांट भी अक्सर खराब ही रहता है। सफाई व्यवस्था का आलम यह है कि परिसर सहित नालियां बजबजाती रहती हैं कितु सफाई कर्मी मनमाने तरीके से सिर्फ कोरम पूरा करते हैं। चिकित्सक आवास तो बन चुका है कितु बाउंड्री नहीं बनाए जाने से आवास हैंड ओवर नहीं हो पा रहा है। सबसे दयनीय स्थिति गंभीर मरीजों को लेकर यहां पर है। खास तौर से सड़क दुर्घटनाओं में घायल मरीजों को सुविधाओं व चिकित्सकों के अभाव में इलाज करने की बजाय तत्काल रेफर कर दिया जाता है। पिछले दिनों भाजपा के पूर्व विधायक रामइकबाल सिंह ने यहां की समस्याओं को लेकर आंदोलन की चेतावनी दी थी। अब तक न तो आंदोलन ही शुरू हुआ और न ही हालात में कोई परिवर्तन नजर आ रहा है। प्रबुद्ध जनों का मानना है कि स्वास्थ्य विभाग नगरपालिका परिषद के सहयोग से अस्पताल परिसर का उच्चीकरण कराकर तथा नालियों का पुनर्निर्माण करा दे तो निश्चित रूप से जल जमाव का स्थायी समाधान हो सकता है। नपा हर संभव सहयोग को तैयार
रसड़ा सीएचसी में जल जमाव से उत्पन्न समस्याओं की तरफ ध्यान आकृष्ट कराए जाने पर नगरपालिका परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सोनी ने कहा कि आदर्श नगरपालिका रसड़ा सीएचसी की मूलभूत समस्याओं को लेकर पहले से ही गंभीर है। जनहित में स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से इस समस्या का स्थायी समाधान की दिशा में शीघ्र प्रयास किए जाएंगे।