मौसम ने लिया यू-टर्न, बारिश ने बढ़ाई ठंड
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जागरण संवाददाता, बलिया : मंगलवार की सुबह अचानक मौसम ने यू टर्न ले लिया। अचानक गरज व तड़क के साथ हुई बारिश ने लोगों को ठंड का अहसास कराया। तेज हवा के साथ हुई बारिश के कारण बढ़े ठंड के बीच लोग गर्म कपड़े ही पहन कर बाहर निकले। दिनभर बादलों कर डेरा आसमान में लगा रहा। यह देख किसान भी अपनी फसलों को लेकर चिंतित हो गए हैं। बारिश के बीच बढ़ी ठंड के कारण जनपद का अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 12 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।
सुबह आसमान साफ रहा, लेकिन दिन चढ़ने के साथ मौसम का मिजाज बदलता गया और सुबह नौ बजे के आस-पास आसमान में बादलों की जमघट दिखाई देने लगी। देखते ही देखते पूरा आसमान बादलों से आच्छादित हो गया और बूंदाबांदी शुरू हो गई। तकरीबन आधा घंटा तक चली इस बौछार से जहां दलहनी फसलों के नुकसान की आशंका बढ़ गई है वहीं ठंड की वापसी के संकेत मिलने लगे हैं।
पूरे दिन आसमान में बादलों का डेरा लगा रहा और हल्की हवाएं चलती रहीं। पिछले एक सप्ताह से हो रही धूप को देखकर आमतौर पर मौसम अब साफ होने का अंदाज लगाया जा रहा था। लोग ठंड के कपड़ों का अब रख भी दिए थे। इस बारिश से बढ़ी ठंड से फिर उन्हें गर्म कपड़ों को निकालना पड़ा। ऐसे में उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। मौसम के मिजाज में आए इस परिवर्तन से चना, मसूर व आलू की खेती करने वाले किसानों की परेशानी कुछ ज्यादा बढ़ गई है। उन्हें इन फसलों की चिता खाए जा रही है। वहीं हल्की बूंदाबांदी के बाद नगर की सड़के कीचड़युक्त हो गई हैं। बारिश के बाद बढ़ी फिसलन से लोगों को आने-जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। गेहूं व तिलहनी फसलों को नुकसान : प्रो. रवि प्रकाश
आचार्य नरेंद्रदेव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र सोहांव के अध्यक्ष प्रो. रवि प्रकाश मौर्य ने बताया कि जिन दलहनी फसलों अरहर, चना, मटर एवं मसूर में फूल आ गया है उन फसलों को इस बारिश से ज्यादा नुकसान होगा। सरसों की फसल को फूल होने की अवस्था में क्षति होगी। फली बन रहा हो तो लाभ होगा। आलू की फसल पकने की अवस्था में है तो क्षति होगी। गेहूं की फसल को इस बारिश से लाभ होगा। गन्ने की फसल को लाभ होगा। सब्जियों में जहां अगैती लता वर्गीय सब्जियों जैसे लौकी, कद्दू, नेनुआ, करेला, खीरा, ककड़ी, खरबूजा एवं तरबूजा की बोआई हो चुकी है, उन्हें ज्यादा क्षति हो सकती है। फलदार वृक्ष में आम के लिए बहुत ही फायदा होगा क्योंकि उसमें लगने वाला फुदका कीट एवं चुर्णी फफूद बीमारी के लगने की आशंका कम होगी, परंतु यदि मंजर, बौर खिल गया होगा तो हानि होगी।