प्रति घंटे तीन सेमी की रफ्तार से बढ़ रहीं गंगा
जागरण संवाददाता मझौवां (बलिया) गंगा के जलस्तर में शनिवार को तेजी से वृद्धि का क्रम जारी रहा केंद्रीय जल आयोग के गायघाट केंद्र पर दोपहर 12 बजे गंगा का जलस्तर 52.02 मीटर दर्ज किया गया। गंगा प्रति घंटा तीन सेमी की रफ्तार से बढ़ाव पर है। वहीं 79.2 मिमी वर्षा रिकार्ड दर्ज किया गया। पहाड़ों पर बरसात का क्रम जारी होने के कारण गंगा के जलस्तर में वृद्धि का क्रम जारी रहा।
जागरण संवाददाता, मझौवां (बलिया) : गंगा के जलस्तर में शनिवार को तेजी से वृद्धि का क्रम जारी रहा। केंद्रीय जल आयोग के गायघाट केंद्र पर दोपहर 12 बजे गंगा का जलस्तर 52.02 मीटर दर्ज किया गया। गंगा प्रति घंटा तीन सेमी की रफ्तार से बढ़ाव पर है। वहीं 79.2 मिमी वर्षा रिकार्ड दर्ज किया गया। पहाड़ों पर बरसात का क्रम जारी होने के कारण गंगा के जलस्तर में वृद्धि का क्रम जारी रहा। इससे तटवर्ती इलाकों में रहने वाले दहशत में हैं।
गंगा जलस्तर में वृद्धि को देखकर तटवर्ती केहरपुर, सुघर छपरा, अवशेष चौबे छपरा, रामगढ़ के सोनारटोला आदि गांवों के लोगों की नींद हराम होने लगी है। वहीं कटानरोधी कार्य नहीं होने से उक्त गांवों के अस्तित्व का खतरा बना हुआ है। वहीं बाढ़ खंड द्वारा केहरपुर व रामगढ़ के सोनारटोला में कटर बनाने के लिए बोरियों में बालू कटर बनाने का प्रयास किया गया, कितु बरसात के कारण सफलता नहीं मिल सकी। गंगा में उफान आने के कारण बाढ़ खंड सहित तटवर्ती लोगों की धड़कनें तेज हो गई है। हालांकि अभी किसी स्थल पर कटान शुरू नहीं हुआ है, कितु गंगा की यही गति रही तो उक्त गांवों के सामने कटान की आशंका बलवती होने लगी है। यहां चेतावनी बिदु 56.615 मीटर है, जबकि खतरा बिदु 57.615 मीटर है। चार सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रही घाघरा
सिकंदरपुर (बलिया) : घाघरा नदी के पाटे में हो रही जल वृद्धि से घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ाव पर है। पिछले एक पखवाड़े से हो रही बारिश ने घाघरा के जलस्तर को बढ़ा दिया है। बुधवार से गुरुवार के बीच घाघरा नदी के जलस्तर में चार सेंटीमीटर प्रति घंटे वृद्धि विभाग द्वारा दर्ज किया गया है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि गुरुवार को कुछ देर के लिए जलस्तर में वृद्धि कम हुई, कितु शाम से पुन: बढ़ने लगी जिससे इलाकाई लोगों में भय व्याप्त है।
लगातर हो रही बारिश ने तहसील क्षेत्र के घाघरा के तटवर्तीय सिसोटार, गोसाइनपुर, शेखपुर, आदमपुर, खरीद, लीलकर,आदि गांव दियारा क्षेत्र में आते हैं जहां किसान अपने मवेशियों को पालते है, कितु जलस्तर में हो रही वृद्धि ने उन्हें पलायन करें को मजबूर कर दिया है। लोग अपने अपने डेरे को छोड़ने को मजबूर हैं। इन क्षेत्र के महिलाओं ने इंद्रदेव से प्रार्थना करना शुरू कर दिया है, ताकि अनवरत हो रही बारिश रुक जाए। जिससे बढ़ रहे जलस्तर में कमी हो। जिससे दियारांचल में गुजर-बसर करने वाले लोगों को राहत मिल सके।