कॉलेज परिसर में सेल फोन का प्रयोग हो पूर्णत: प्रतिबंधित
संचार क्रांति के युग में एंड्रायड सेट व्यक्ति के लिए आवश्यक आवश्यकता बन गया है। बड़े तो दूर छोटे-छोटे बच्चे भी स्मार्टफोन पर गेम खेलते या चैटिग करते दिख जाते हैं। इससे कत्तई इंकार नहीं किया जा सकता है कि आज के दौर में सेल फोन रोजमर्रा की जिदगी का अहम हिस्सा बन गया है। इसके बिना तो मानों जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। पर इस एंड्राएड सेट को स्कूल व कालेजों में प्रयोग को लेकर चर्चा छिड़ी हुई है।
अजीत पाठक
बलिया: आधुनिक सूचना क्रांति के युग में कालेजों में मोबाइल को पूर्णत: प्रतिबंधित करने को लेकर बहस छिड़ी हुई है। स्मार्टफोन के प्रयोग पर कोई रोक लगाने की मांग कर रहा है तो कोई इसे बेतुका बता रहा है। इस संबंध में शुक्रवार को नगर के एमएमटीडी कालेज में शिक्षकों से हमने बात कर यह जानने की कोशिश की कि क्या वाकई स्मार्टफोन किशोरों के लिए घातक बन गया है। क्या इसका प्रयोग छात्र-छात्राओं को लक्ष्य से भटका रहा है, क्या यह मानसिक विकारों की वजह बनता जा रहा। इन सभी सवालों पर मिलीजुली प्रतिक्रिया सामने आई।
वर्जन
-कॉलेज में मोबाइल को प्रतिबंधित करना ठीक नहीं है। हां, यह जरुर सुनिश्चित करना चाहिए कि कक्षा में मोबाइल का इस्तेमाल न हो। जहां तक कॉलेज परिसर का सवाल है तो बहुत कम छात्र-छात्राओं द्वारा ही परिसर में फोन का प्रयोग किया जाता है।
-डा. दिलीप कुमार श्रीवास्तव, प्राचार्य, टीडी कालेज
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-कालेज में मोबाइल का प्रयोग बंद कराने की सलाह देना बेतुकी बात है। आज सोशल साइट्स व इंटरनेट का प्रयोग कर बच्चे आसानी से पाठ्य सामग्री प्राप्त कर ले रहे हैं। हां, इतना जरुर है कि कक्षा कक्ष में इसका प्रयोग न किया जाय।
-डॉ. अमलदार निहार, एसोसिएट प्रोफेसर, हिदी, टीडी कालेज
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-इंटर कालेजों व महाविद्यालयों में मोबाइल का प्रयोग बंद होना चाहिए। यह तर्क संगत भी है। सोशल मीडिया के दुरुपयोग का नतीजा आए दिन देखने को भी मिल रहा है। छात्र-छात्रा ही नहीं अपितु शिक्षक भी इस दायरे में हों।
-डॉ. अखिलेश राय, एसोसिएट प्रोफेसर, हिदी, टीडी कालेज
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-कालेज में स्मार्टफोन का इस्तेमाल बंद करना गलत निर्णय हो सकता है। जरूरत है बच्चों को मोबाइल के दुरुपयोग व सदुपयोग की जानकारी देने की।
-डा. साहब दुबे, एसोसिएट प्रोफेसर, वाणिज्य विभाग, टीडी कालेज
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-कॉलेजों में मोबाइल का प्रयोग बंद होना ही चाहिए। न सिर्फ छात्र बल्कि शिक्षकों को भी इस दायरे में रखा जाए। अच्छे स्मार्टफोन से बच्चों में जहां हीनभावना पनप रही है वहीं कुत्सित मानसिकता भी जन्म लेती है।
- डॉ. केके मिश्र, एसोसिएट प्रोफेसर, रक्षा अध्ययन, टीडी कालेज
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-बेशक मोबाइल का इस्तेमाल साइबर क्राइम को बढ़ावा दे रहा है। कॉलेज परिसर में इसके प्रयोग से कई प्रकार की समस्या खड़ी हो रही है। शिक्षकों, कर्मचारियों व छात्राओं की
-डॉ. अशोक कुमार सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर, कृषि रसायन, टीडी कालेज
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-कॉलेज में मोबाइल का प्रयोग ठीक नहीं है। इससे छात्र-छात्राओं का मन पढ़ाई में नहीं लगता। मोबाइल का अत्यधिक प्रयोग कई प्रकार के मानसिक विकारों से ग्रसित कर रहा है।
-डॉ. अनुराग भटनागर, एसोसिएट प्रोफेसर, मनोविज्ञान, टीडी कालेज