UP News: फर्जी दस्तावेजों पर 23 साल तक करता रहा सरकारी नौकरी, रिटायरमेंट से दो दिन सच्चाई आई सामने; बर्खास्त
बेसिक शिक्षा विभाग के एक स्कूल में एक धोखेबाज शिक्षक पिछले 23 सालों से नौकरी कर रहा था। उसने अलग-अलग शिक्षण संस्थानों से परीक्षा देकर अपनी जन्मतिथि में हेरफेर किया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने उसे बर्खास्त कर दिया है।
जागरण संवाददाता, बलिया : बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूल में 23 साल से भी अधिक समय से नौकरी कर रहे धोखेबाज शिक्षक को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बर्खास्त कर दिया। उसने अलग-अलग शिक्षण संस्थानों से परीक्षा देकर अपनी जन्म तिथि में सात साल का हेरफेर किया है, उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश खंड शिक्षा अधिकारी को दिया गया है।
1 जुलाई 1999 को हुई थी नियुक्ति
बेसिक शिक्षा अधिकारी मनिराम सिंह की ओर से मंगलवार की शाम जारी सेवा समाप्ति आदेश में कहा गया गया है कि रसड़ा क्षेत्र के जाम गांव के निवासी ब्रजनाथ राम की नियुक्ति एक जुलाई 1999 को बेसिक शिक्षा परिषद में सहायक अध्यापक के पद पर हुई थी। वह पिछले कुछ वर्षों से रसड़ा के जूनियर हाईस्कूल महाराजपुर में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात थे।
अलग-अलग दर्ज जन्मतिथि
उनके खिलाफ उन्हीं के गांव के श्रीराम नारायण गोंड पिछले करीब एक साल से डीएम व बीएसए से शिकायत कर रहे थे। अंतिम शिकायत सात नवंबर 2022 को जिलाधिकारी से की थी। आरोप लगाया था कि फर्जी शिक्षक की दो तरह की जन्मतिथि है। पहली एक दिसंबर 1953 व दूसरी एक दिसंबर 1960 है।
शिक्षक ने दो स्कूलों से पास की थी परीक्षा
शिकायतकर्ता ने सूचना के अधिकार के तहत विभिन्न शिक्षण संस्थाओं द्वारा उपलब्ध कराए साक्ष्य को भी प्रस्तुत किया। प्रशिक्षक 31 मार्च को रिटायर हो रहा था। शिकायतों की जांच रसड़ा के खंड शिक्षा अधिकारी ने की। स्पष्ट हुआ कि मानव संपदा पर अपलोड अभिलेखों व सेवा पुस्तिका में उनकी जन्मतिथि एक दिसंबर 1960 है, जबकि उपलब्ध साक्ष्यों के अनुसार उन्होंने अमर शहीद भगत सिंह इंटर कालेज रसड़ा से 1972 में हाईस्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण की है।
जिसमें उनकी जन्मतिथि एक दिसंबर 1953 है। उसके बाद राधामोहन संस्कृत महाविद्यालय, बैरिया से पूर्व मध्यमा की परीक्षा 1975 में पास की है। यहां उनकी जन्मतिथि एक दिसंबर 1960 है। इस प्रकार अलग-अलग विद्यालयों से जन्मतिथि में परिवर्तन करके उनके द्वारा परीक्षा दी गई है।
शिक्षक के द्वारा की तरह की कूटरचना कर नौकरी की जा रही थी। शिकायत मिलने के बाद जब जांच की गई तो कई तथ्य सामने आए। जिसके बाद उनको सेवा से बर्खास्त कर मुकदमा पंजीकृत कराने के निर्देश दिए गए हैं। उनसे वेतन की रिकवरी भी होगी। -मनिराम सिंह, बीएसए।