दिव्यांगों की सेवा में ही जीवन की सार्थकता : ओमप्रकाश
दिव्यांगों गरीबों एवं अनाथों की सेवा में ही मानव जीवन की सार्थकता है। लोक पीड़ा जब स्व पीड़ा बन जाती है तो मानव में सच्ची संवेदना जागृत होती है और व्यक्ति लोक मंगल को जीवन का लक्ष्य निर्धारित कर लेता है। दिव्यांगों को चाहिए कि वे शासन द्वारा प्रदत्त सुविधाओं को प्राप्त कर अपनी आर्थिक स्थिति को सु²ढ़ करें।
जागरण संवाददाता, रसड़ा (बलिया) : दिव्यांगों, गरीबों एवं अनाथों की सेवा में ही मानव जीवन की सार्थकता है। लोक पीड़ा जब स्व पीड़ा बन जाती है तो मानव में सच्ची संवेदना जागृत होती है और व्यक्ति लोक मंगल को जीवन का लक्ष्य निर्धारित कर लेता है। दिव्यांगों को चाहिए कि वे शासन द्वारा प्रदत्त सुविधाओं को प्राप्त कर अपनी आर्थिक स्थिति को सु²ढ़ करें। यह बात प्रदेश सरकार के मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने शुक्रवार को जिला दिव्यांग जन सशक्तिकरण विभाग द्वारा आयोजित उपकरण वितरण शिविर को संबोधित करते हुए कही। कभी केंद्र व प्रदेश की भाजपा सरकार के खिलाफ मुखर ओम प्रकाश राजनीतिक सवालों पर कुछ बोलने से बचते रहे।
प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए ओमप्रकाश ने कहा कि विगत 20 माह में तकरीबन 75 हजार 91 दिव्यांगों को उपकरण वितरित किया जा चुका है। जो अपने आप में एक रिकार्ड है। दिव्यांगों को ट्राईसाईकिल के स्थान पर मोटर साईकिल जैसे उपकरण उपलब्ध कराने का आश्वासन भी दिया। इस दौरान शासन द्वारा 6 लाख 20 हजार रुपये खर्च कर 177 बच्चों के कराए गए सफल आपरेशन की भी जानकारी दी। लोगों से बेटा-बेटी के अंतर को समाप्त करने की बात दोहराई ताकि समाज में नई जागृति पैदा की जा सके। इस दौरान 200 दिव्यांगों को ट्राईसाईकिल व अन्य उपकरण भी वितरित किया।
इस मौके पर समाज कल्याण अधिकारी तिलकधारी, बीईओ प्रभाकर श्रीवास्तव तथा बाल विकास परियोजना अधिकारी मीनाक्षी आर्या के अलावा ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि सतीश सिंह, रूद्रप्रताप सिंह, सुनील सिंह, संतोष, पतिराम राजभर, दिनेश राजभर, जनार्दन राजभर आदि मौजूद थे। संचालन जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी कृष्णकांत राय ने की।