परंपरागत खेती व पशुपालन पर भी ध्यान जरूरी : सांसद
पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण ¨सह के जन्मदिवस पर आज किसान सम्मान दिवस का आयोजन स्थानीय ऑफीसर्स क्लब में किया गया। इस अवसर पर तिलहन किसान मेला एवं कृषक वैज्ञानिक संवाद गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत सांसद भरत ¨सह व जिलाधिकारी भवानी ¨सह खंगारोत फीता काटकर व दीप प्रज्वलित कर की।
जागरण संवाददाता, बलिया : पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण ¨सह के जन्मदिवस पर रविवार को किसान सम्मान दिवस का आयोजन स्थानीय ऑफिसर्स क्लब में किया गया। इस अवसर पर तिलहन किसान मेला एवं कृषक वैज्ञानिक संवाद गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत सांसद भरत ¨सह व जिलाधिकारी भवानी ¨सह खंगारौत फीता काटकर व दीप प्रज्ज्वलित कर की। सांसद भरत ¨सह ने कहा कि किसान भाई परंपरागत खेती संग पशुपालन, मत्स्य पालन आदि की ओर भी ध्यान जरूरी है। उन्होंने कहा किसान हितों को सर्वोपरि रखते हुए सरकार द्वारा किसानों के कल्याण के लिए अनेक महत्वाकांक्षी योजनाएं संचालित की जा रही हैं। किसानों को उनकी जानकारी देकर उन्हें लाभान्वित किया जाए।
जिलाधिकारी भवानी ¨सह खंगारौत ने कहा कि किसान भाई आधुनिक और वैज्ञानिक तकनीकी अपनाकर अपना उत्पादन बढ़ाएं। किसानों को किसी भी प्रकार की जनपद में असुविधा नहीं होने दी जाएगी। कृषि निवेशकों की उपलब्धता समय से सुनिश्चित कराने के हरसंभव प्रयास किए जाएंगे। इस मौके पर उप कृषि निदेशक इंद्रराज ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कृषि विभाग द्वारा संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। कृषि रक्षा अधिकारी गोपाल यादव, वेद प्रकाश ¨सह, जिला उद्यान अधिकारी सुभाष कुमार द्वारा रबी फसलों के व पौधों को कीट से बचाने के बारे में जानकारी दी गई। पशु चिकित्सा अधिकारी अशोक मिश्र ने पशुपालन की योजनाओं के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला। सम्मानित हुए सर्वोत्तम उत्पादन वाले किसान
विभिन्न फसलों का सर्वोत्तम उत्पादन करने वाले किसान भी सम्मानित किए गए। प्रथम पुरस्कार के रूप में सात हजार रुपये व द्वितीय पुरस्कार पांच हजार रुपये के साथ प्रशस्ति पत्र भी दिया गया। सम्मानित होने वाले किसानों में प्रेमचंद वर्मा, जगत नारायण, शंभू नाथ मिश्र, विनिता देवी, सुरेंद्र चौबे, रजी अहमद, राजेश ¨सह, हरिशंकर, मुमताज अहमद, शांति तिवारी, सुजिया देवी, कंवलपतिया देवी, राम जी ¨सह, सविता देवी, कैलाश नाथ, अवध बिहारी ¨सह, सुशीला देवी, ददन, जितेंद्र ¨सह, आरती देवी, श्याम सुंदर, ज्ञान चंद शर्मा, धीरेंद्र राय, ब्रह्मानंद तिवारी, हरेराम चौरसिया, शिवजी तिवारी आदि मौजूद थे।