फिर अगले साल मिलने के वादे के साथ विदा हुए व्यापारी
ददरी मेला -एक माह तक गुलजार मेले से दुकानदार उखाड़ने लगे खूंटा-तंबू -दिक्कतों व विवादों से घिरा रहा मेला, कार्यक्रमों में उतरे बड़े सितारे
जागरण संवाददाता, बलिया: महर्षि भृगु की पावन धरती पर लगने वाल ऐतिहासिक ददरी मेले का समापन हो गया। परंपरा के अनुसार नपा की तरफ भोज का आयोजन होता था लेकिन इस साल परंपरा टूट गई। एक माह तक चले इस मेले का रविवार को अंतिम दिन था। सोमवार को दुकानदार अपना खूंटा व तंबू उखाड़ने लगे। इस तरह रौनक क्षेत्र अब सूना-सूना लगने लगा है। पशु मेला आठ नवंबर से शुरू हुआ तो कार्तिक पूर्णिमा के दिन से मीना बाजार शुरू हुआ है। कुछ दुकानदार आज सामंान समटेते हुए बिक्री भी जारी रखा। लोगों ने भी खूब मोलभाव करके सामान की खरीदारी की। इस साल मेले में लोगों की भीड़ खूब रही। खासकर छुट्टी के दिन तो लोग परिवार संग निकल कर मेले का आनंद लिए। शहर के अधिकांश लोगों की शाम को मेला की तरफ जाने की आदत में शुमार हो गया था। मेले में दुकानदारों के जमीन आवंटन में खेल हुआ। मेला शुरू होने के एक दिन पहले आपसी विवाद के चलते दुकानदारों को जमीन मिल पाई। वहीं सभासद पूरे मेला के दौरान दूरी बनाकर रहे। वहीं मेले के भारतेंदु कला मंच पर मशहूर गायिका अनुराधा पौडवाल, महान कवि कुमार विश्वास संग अन्य का कार्यक्रम हुआ।
एक नगर सा दिखता मेला क्षेत्र
नगर पालिका परिषद द्वारा लगने वाले इस ददरी मेला के आयोजन के दौरान पूरा मेला क्षेत्र एक नगर की तरह दिखता है। मेले की शुरुआत पशु मेला (नंदीग्राम) फिर मेला (मीना बाजार) का आयोजन होता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन से मीना बाजार मेला लगता है। इसमें दूर दराज की दुकानें आती हैं। मेले में नगर पालिका जहां अपना कार्यालय स्थापित करता है वहीं थाना भी स्थापित होता है। इस साल मेले के प्रति लोगों की आस्था बढ़ती दिखी। मेला जमकर चला और दुकानदार भी इसका पूरा फायदा उठाए।