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मौसम का बदला रुख, पूरे दिन आसमान में छाए रहे बादल

एक बार फिर हवाओं ने अपना रुख बदल दिया। शनिवार को पूरे दिन आसमान में बादल छाए रहे। बादलों की जमघट व पछुआ हवा ने मौसम का मिजाज बदल कर रख दिया। इससे जिले के अधिकतम तापमान में जहां चार डिग्री सेल्सियस की कमी दर्ज की गई वहीं न्यूनतम पारा लूढ़क कर 12 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 04 Jan 2020 04:55 PM (IST)Updated: Sat, 04 Jan 2020 04:55 PM (IST)
मौसम का बदला रुख, पूरे दिन आसमान में छाए रहे बादल
मौसम का बदला रुख, पूरे दिन आसमान में छाए रहे बादल

जागरण संवाददाता, बलिया: एक बार फिर हवाओं ने अपना रुख बदल दिया। शनिवार को पूरे दिन आसमान में बादल छाए रहे। बादलों की जमघट व पछुआ हवा ने मौसम का मिजाज बदल कर रख दिया है। इससे जिले के अधिकतम तापमान में जहां चार डिग्री सेल्सियस की कमी दर्ज की गई वहीं न्यूनतम पारा लुढ़क कर 12 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार एक बार फिर हवा का रुख उत्तर-पश्चिम का हो गया है। इस कारण जहां बारिश की संभावना बढ़ गई है वहीं सर्दी लौटने का अनुमान है।

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पिछले चार दिनों से मौसम काफी बदला-बदला सा नजर आ रहा था। तेज धूप की वजह से दिन में लोग ठंड से राहत महसूस कर रहे थे। यहां तक कि शुक्रवार को धूप की तल्खी ने गर्मी का भी अहसास करा दिया। ऐसा लग रहा था मानों जल्द ही ठंड से निजात मिलने वाली है लेकिन शनिवार को अचानक मौसम ने रुख बदला, सुबह से ही आसमान में बदल छाने लगे। दिन चढ़ने के साथ मौसम साफ होने की बजाय पूरी तरह बादलों से ढक गया। यहां तक कि भगवान भाष्कर भी बादलों की ओट से खुल कर बाहर नहीं निकल पाए। दिनभर लोग धूप निकलने का इंतजार करते रहे लेकिन निराशा ही हाथ लगी। वहीं धीमी रफ्तार में बह रही पछुआ हवा ठंड लौटने का संकेत देती रही।

एक पखवारे से लगातर मौसम में परिवर्तन देखा जा रहा है। कभी शीतलहर का प्रकोप बढ़ जा रहा है तो कभी चटक धूप गर्मी का अनुभव कराता रहा। शनिवार को मौसम में हुए बदलाव ने लोगों को एक बार फिर सहमने को मजबूर कर दिया। आसमानी बादलों की मौजूदगी में चल रही पछुआ हवा को लोगबाग ठंड लौटने का संकेत मान रहे हैं। इसे लेकर आमजन भी खासा परेशान नजर आए। मौसम परिवर्तन को ेदेखते हुए जहां आम आदमी ठंड बढ़ने से सशंकित है वहीं किसान रबी की फसल के लिए इसे अच्छा बता रहे हैं। किसानों के अनुसार ठंड के साथ कुछ दिन कोहरा पड़ना गेहूं की फसल के लिए लाभदायक रहेगा। अभी मौसम गर्म हो गया तो उत्पादन प्रभावित होगा। शीतोष्ण प्रवृति की फसल के लिए मौसम ठंड होना आवश्यक है। हां कई दिनों तक बादल छाने से जरुर नुकसान हो सकता है। इनसेट

नहीं मिला सरकारी कंबल

सुखपुरा: कड़ाके की ठंड के बावजूद भी इलाके के विभिन्न ग्राम पंचायतों में कहीं भी अलाव की व्यवस्था नहीं की गई है। यही नहीं शासन स्तर से बहुतेरे गावों के गरीबों को कम्बल तक नहीं वितरित किया गया। सुखपुरा थाना परिसर में पांच गांवों के महज 100 गरीबों का कंबल वितरित कर महज औपचारिकता पूरी कर दी गई। बेशक कुछ सामाजिक संगठनों द्वारा कंबल वितरित किया जा रहा है लेकिन वह ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहा है। इससे गरीब परिवारों को काफी मुसीबत झेलनी पड़ रही है। इस बाबत लोगों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों से ग्रामीण क्षेत्रों में अलाव की कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है। क्षेत्र के प्रबुद्ध जनों ने ग्राम पंचायत या शासन स्तर से चट्टी, चौराहा, बाजार व सार्वजनिक स्थानों पर अलाव की व्यवस्था कराने के साथ गरीबों को कंबल प्रदान करने की मांग की है।


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