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सामने आई राहत सामग्री वितरण में धांधली, जांच के आदेश

बांसडीहरोड (बलिया) जागरण में सुरहा के जल पीड़ितों के बीच राहत सामग्री के वितरण को लेकर की गई धांधली की खबर के प्रकाशित होने के बाद चौतऱफा सवालों में घिरे तहसील प्रशासन ने जहां एक तरफ डैमेज कंट्रोल शुरू कर दिया है वहीं एसडीएम सदर ने त्रिस्तरीय कमेटी बनाकर मामले की जांच के आदेश जारी कर दिए है। जिस राहत सामग्री को लेकर चौतरफा बवाल की रूपरेखा बनी उसके निपटारे के लिए जिम्मदारों ने सोमवार को चुपचाप राहत सामग्री के 70 पैकेट क्षेत्र में सुरक्षित रखे ठिकाने से उठाकर बांसडीहरोड थाने में पंहुचा दिए और फिर वितरण के नाम पर लेखपालों ने घघरौली व डुमरी गांव की जनता को बांट कर ठिकाने लगा दिए। इस दौरान बांसडीहरोड थाने में बड़ी संख्या के ग्रामीणों की भीड़ जमा रही।

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Oct 2019 10:14 PM (IST)Updated: Mon, 21 Oct 2019 10:14 PM (IST)
सामने आई राहत सामग्री वितरण में धांधली, जांच के आदेश
सामने आई राहत सामग्री वितरण में धांधली, जांच के आदेश

बांसडीहरोड (बलिया): बाढ़ पीड़ितों के बीच राहत सामग्री वितरण में हुई धांधली के मामले ने तूल पकड़ लिया है। चौतरफा सवालों से घिरे तहसील प्रशासन ने जहां एक तरफ डैमेज कंट्रोल शुरू कर दिया है वहीं एसडीएम सदर ने त्रिस्तरीय कमेटी बनाकर मामले की जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। जिस राहत सामग्री को लेकर बवाल की रूपरेखा बनी उसके निपटारे के लिए जिम्मेदारों ने सोमवार को चुपचाप राहत सामग्री के 70 पैकेट क्षेत्र में सुरक्षित रखे ठिकाने से उठाकर बांसडीहरोड थाने में पंहुचा दिए और फिर वितरण के नाम पर लेखपालों ने घघरौली व डुमरी गांव की जनता को बांटकर ठिकाने लगा दिए। इस दौरान बांसडीहरोड थाने में बड़ी संख्या के ग्रामीणों की भीड़ जमा रही।

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सुरहा क्षेत्र के जल पीड़ितों की समस्याओं को देखने के बाद राज्य मंत्री आंनद स्वरूप शुक्ल ने प्रशासन को क्षेत्र में राहत सामग्री के वितरण के आदेश दिए थे। जिसके अनुपालन में तहसील द्वारा बीते बुधवार को बांसडीहरोड थाने में बड़ी मात्रा में दर्जनों गांवों में राहत सामग्री का वितरण किया गया था। कुछ लोगों ने तहसील की मिलीभगत से बड़ी मात्रा में राहत सामग्री उठवा ली और अपने हिसाब से बिना किसी राजस्व कर्मी की उपस्थिति की कई गांवों में राहत सामग्री का वितरण किया जाने लगा।

राहत सामग्री को लेकर गांवों में चौतरफा राजनीतिक प्रपंच शुरू हो गया और देखते ही देखते मामले ने तूल पकड़ लिया। समस्या को जब दैनिक जागरण ने अपने रविवार के अंक में राहत सामग्री वितरण में राजनीति शीर्षक से खबर प्रमुखता से प्रकाशित किया तो अगले दिन तहसीलदार सदर सरयां व सोनपुरकला जांच के लिए पहुंच गए। इसी दौरान किसी ने यह खबर फैला दी कि तहसीलदार राहत सामग्री बांटने के लिए आए हैं। इसे लेकर बड़ी संख्या में दो तीन गांव के लोगों की भीड़ एकत्र हो गयी। भीड़ ने तहसीलदार से राहत सामग्री को लेकर तरह -तरह के सवाल करने शुरू किये तो उन्हें उल्टे पांव वापस भागना पड़ा।

अभी भी उन राहत सामग्री के पैकेटों का निस्तारण बाकी है, जो बांटे नहीं गए। इसे लेकर पशोपेश में पड़े जिम्मदारों को यह सूझ नहीं रहा कि आखिरकार इन पैकेटों का किया क्या जाय। ये पैकेट जहां रखे थे वहां से उनका वितरण संभव नही था। लिहाजा जिम्मेदारों ने इसका उपाय खोजा और सूरज उगने से पहले इसे बांसडीहरोड थाने में पहुंचा दिया गया, जहां से लेखपालों ने इसे अपने -अपने कब्जे में ले लिया। फिर आनन- फानन में घघरौली व डुमरी की जनता को बुलाकर 70 पैकेट राहत सामग्री वितरित कर दी गयी।

जांच कमेटी एक सप्ताह में देगी रिपोर्ट

एसडीएम सदर अश्विनी श्रीवास्तव ने स्पष्ट किया कि बांसडीहरोड थाने में वही राहत सामग्री बांटी गई है जो क्षेत्र में कहीं रखी गयी थी। यह पूछने पर की उक्त पैकेटों को कहां और किसने रखवाये थे। बोले, इसका जवाब आप लोग तहसीलदार से पूछिए। बताया कि मामले में कमेटी बनाकर जांच के आदेश दे दिए गए हैं।


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