असल नतीजे से आज होगा सामना, अटकी सभी की सांस
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जागरण संवाददाता, बलिया : दो माह तक चली लोकसभा चुनाव की तमाम कवायद आज थम जाएगी। अपने अंतिम पायदान पर पहुंच चुके चुनावी समर का फैसला किसके पक्ष में होगा यह तो भविष्य के गर्भ में है, लेकिन चुनाव परिणाम को लेकर अटकलों का बाजार चरम पर है। सभी दलों के नेता व समर्थक अपने तर्को के आधार पर हार-जीत का दावा करते दिख रहे हैं। हालांकि वोटिग प्रतिशत कम होने से सबकी सांसें अटकी हुई हैं। बावजूद अपने समीकरणों के बलबूते सबको बाजी हाथ लगते दिख रही है।
फैसले की घड़ी जैसे-जैसे करीब आ रही है सबकीं धड़कनें बढ़ गई हैं। एक-एक पल राजनीतिक दलों के समर्थकों को भारी पड़ रहा है। सबको ईवीएम खुलने का बेसब्री से इंतजार है। प्रशासन भी मतगणना को लेकर पूरी तरह चौकस है। सारी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। मतगणना स्थल की सुरक्षा से लेकर वाहनों की आवाजाही तक तथा पार्टी समर्थकों की भीड़ को नियंत्रित करने को लेकर प्रशासन भी कदमताल करना शुरू कर दिया है।
आम अवाम भी परिणाम को लेकर उतना ही उत्सुक है जितनी बेचैनी समर्थकों को है। चाय की दुकान से लेकर चट्टी-चौराहों तक जहां मतगणना की चर्चा जोरों पर है वहीं एग्जिट पोल के दावे के बीच ईवीएम में हेरा-फेरी करने की अफवाह भी कम चर्चा में नहीं है। नगर के टीडी कालेज चौराहा स्थित चाय की दुकान पर मौजूदा हालातों पर बहस चल रही थी। चाय की चुस्कियों के साथ माहौल गर्म होता जा रहा था। वहां मौजूद राजनीतिक विश्लेषकों की नजर जहां चुनाव परिणामों पर टिकी थी वहीं कुछ लोगों को अब भी एग्जिट पोल और ईवीएम में घालमेल की बू आ रही थी। हालांकि चुनाव आयोग ने अपनी तरफ से सारी शंकाओं को खारिज कर दिया है बावजूद लोगों के बीच 'समरथ को नहीं दोष गोसाई' को लेकर चर्चा छिड़ी हुई थी।
एग्जिट पोल के आंकड़ों पर बहस का क्रम टूटता नजर नहीं आ रहा था। लोकसभावार आंकड़ों के प्रति किसी को नाराजगी थी तो कोई इसे अक्षरश: सत्य होने का दावा भी कर रहा था। किसी की नजर में यह आंकड़ा जातिवादी राजनीति पर कुठाराघात करने वाला है तो कोई इसे दबाव और घपलेबाजी का आंकड़ा मान रहा है। चुनाव पूर्व राजनीतिक हालातों का जिक्र कर लोगबाग अपने तर्को को बल देते दिखे। सभी के अपने-अपने तर्क थे और अपना आकलन। कोई किसी से समझौता करता नहीं दिख रहा था। किसी को लोकतंत्र खतरे में दिखाई दे रहा था तो कोई इसे तीन बनाम अन्य की लड़ाई बताकर जीत का समीकरण अपने पक्ष में कर रहा है। बहरहाल समय चक्र के साथ परिणाम की घड़ी जैसे-जैसे नजदीक आ रही है कयासों का दौर बढ़ता जा रहा है। परिणाम को लेकर आश्वस्त समर्थक इतिहास दोहराने और नई इबारत लिखने द्वंद्व में उलझे नजर आ रहे हैं। कोई एग्जिट पोल के पक्ष में तो नकारते भी रहे लोग
चुनावी चर्चा के बीच एग्जिट पोल की बात न हो तो बेईमानी होगी। चर्चाओं के बीच कुछ एग्जिट पोल को सही तो कुछ इसे कल्पना मात्र बताने लगे हैं। अब कुछ ही घंटों में स्थिति स्पष्ट होने तक की बात चलती रही। अब रिजल्ट आने में चंद समय भी बचे हैं। ऐसे में एग्जिट पोल के आंकड़ों पर पक्ष के लेाग मजबूती से अपनी बात रख रहे थे। वहीं विरोध में बोलने वाले इसे नकारते दिखे। अब तो कुछ ही पल में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। यह कहते हुए लोग अपने काम में लग जा रहे हैं।
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