गंगा की व्यथा के निवारण को जनता की अदालत कल
केंद्रीय सियासत के चोट से आहत पतित पावनी गंगा की व्यथा के निवारण के लिए गंगा भक्तों ने अब जनता की अदालत लगाने का निर्णय लिया है। गंगा पूजा व उपासना के अलावा जीवन यापन का जरिया बनकर देश के 50 करोड़ लोगों को भोजन पानी जुटाने का संसाधन भी है। इसे परिलक्षित करते हुए 11 नवंबर
जासं, बलिया : केंद्रीय सियासत के चोट से आहत पतित पावनी गंगा की व्यथा के निवारण के लिए गंगा भक्तों ने अब जनता की अदालत लगाने का निर्णय लिया है। 11 नवंबर को सुबह 11 बजे महावीर घाट स्थित हनुमान जी मंदिर परिसर में जनता की अदालत एवं गंगा की फरियाद विषयक परिचर्चा आयोजित की गई है। इसकी जानकारी गंगा मुक्ति व प्रदूषण विरोधी अभियान के राष्ट्रीय प्रभारी रमाशंकर तिवारी ने पत्र प्रतिनिधियों को शुक्रवार को दी। उन्होंने कहा कि इसमें पांडा पुरोहितों के अलावा किसान, छात्र, मजदूरों तक की सहभागिता सुनिश्चित की गई है। उन्होंने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि वह इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश के क्रम में गंगा में टिहरी बांध से पर्याप्त पानी छोड़े तथा राष्ट्रीय नदी गंगा के संरक्षण के लिए संविधान में विधि व्यवस्था सुनिश्चित करें।