केंद्र सरकार में दृढ़ इच्छाशक्ति की कमी से ही कराह रही नदियां
उत्तराखंड की जल विद्युत परियोजनाओं के कारण ही गंगा के जीवन पर संकट आया है। बांधों में कैद गंगा की गुलामी तोड़ने के लिए जरूरी है, पतित पावनी की अभिरक्षा में स्वतंत्रता आंदोलन की तर्ज पर गांवों के गोद से संघर्ष तेज किया जाए। गांव वाले जग गए तो गंगा अविरल भी हो जाएगी और निर्मल भी। उक्त राष्ट्रीय विचार गंगा मुक्ति व प्रदूषण विरोधी अभियान के राष्ट्रीय प्रभारी रमाशंकर तिवारी ने महावीर घाट स्थित हनुमान जी के मंदिर परिसर में जन अदालत एवं गंगा की फरियाद विषयक संगोष्ठी में कही। कहा कि गंगा को बचाने के लिए गंगा जल से बिजली बनाने का लाभ छोड़ना होगा। केंद्र सरकार में ²ढ़ इच्छाशक्ति के कमी के कारण नदियां क्रमश: यमुना, गोमती, तमसा आदि प्रदूषण की चपेट में कराह रही है। नदियों की धार के साथ तकरार प्रकृति के साथ घोर अराजकता है। श्री तिवारी ने कहा कि यह विडंबना है
जागरण संवाददाता, बलिया : उत्तराखंड की जल विद्युत परियोजनाओं के कारण ही गंगा के जीवन पर संकट आया है। बांधों में कैद गंगा की गुलामी तोड़ने के लिए जरूरी है, पतित पावनी की अभिरक्षा में स्वतंत्रता आंदोलन की तर्ज पर गांवों के गोद से संघर्ष तेज किया जाए। गांव वाले जग गए तो गंगा अविरल भी हो जाएगी और निर्मल भी। उक्त राष्ट्रीय विचार गंगा मुक्ति व प्रदूषण विरोधी अभियान के राष्ट्रीय प्रभारी रमाशंकर तिवारी ने महावीर घाट स्थित हनुमान मंदिर परिसर में जन अदालत एवं गंगा की फरियाद विषयक संगोष्ठी में कही। कहा कि गंगा को बचाने के लिए गंगा जल से बिजली बनाने का लाभ छोड़ना होगा। केंद्र सरकार में दृढ़ इच्छाशक्ति के कमी के कारण नदियां क्रमश: यमुना, गोमती, तमसा आदि प्रदूषण की चपेट में कराह रही है। नदियों की धार के साथ तकरार प्रकृति के साथ घोर अराजकता है। यह विडंबना है कि आज देश में सियासत और निजी तथा व्यापारिक हित में बड़े-बड़े आंदोलन चलाए जा रहे हैं लेकिन जिसके चलते जीवन है उसके प्रति भारतीय मानवता अभी सुषुप्ता अवस्था में पड़ी हुई है। इस मौके पर डा.शक्ति कुमार ¨सह, भारत भूषण पांडेय, मदन यादव, समीर पांडेय, र¨वद्र पांडेय, पारस पांडेय, हरिकेंद्र ¨सह, प्रपन्नाचार्य जी महाराज, संजय कुमार पांडेय, भुआल ¨सह, संजय बारी, उपेंद्र यादव आदि मौजूद थे। अध्यक्षता पं.बुधन पांडेय व संचालन एससी कालेज के महामंत्री निखिल कुमार पांडेय ने किया।