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सरकार व समाज की उपेक्षा का दंश झेल रही तमसा

गंगा भारतीय संस्कृति की प्रवाह है। भारतीय जन की आस्था तथा कृषि व्यवस्था का मां भी है ¨कतु इसके प्रवाह का रोककर दूषित किए जाने का कार्य किया जा रहा है। जिसके चलते गंगा की शाखाएं भी काफी प्रभावित होकर रह गई हैं। आजमगढ़, मऊ होते हुए रसड़ा से होकर गुजरने वाली तमसा नदी बलिया

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Feb 2019 05:34 PM (IST)Updated: Tue, 19 Feb 2019 05:34 PM (IST)
सरकार व समाज की उपेक्षा का दंश झेल रही  तमसा
सरकार व समाज की उपेक्षा का दंश झेल रही तमसा

जागरण संवाददाता, रसड़ा (बलिया) : गंगा भारतीय संस्कृति की प्रवाह है। भारतीय जन की आस्था तथा कृषि व्यवस्था की मां भी है ¨कतु इसके प्रवाह को रोककर दूषित किए जाने का कार्य किया जा रहा है। इसके चलते गंगा की शाखाएं भी काफी प्रभावित हो गई हैं। आजमगढ़, मऊ होते हुए रसड़ा से होकर गुजरने वाली तमसा नदी बलिया आकर गंगा नदी में विलीन हो जाती है। इस तमसा को छोटी सरयू नदी के नाम से भी जाना जाता है। इन दिनों यह नदी सरकार व समाज की उपेक्षा का दंश झेल रही है।

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तमसा एक नदी मात्र नहीं अपितु जन-जन के आस्था से जुड़ी होने के साथ ही जीवनदायिनी तथा ऐतिहासिक महत्व की नदी है। रसड़ा के ऐतिहासिक लखनेश्वर डीह किला पर कालांतर में प्रभु श्रीराम, भैया लक्ष्मण यहां एक रात व्यतीत किए थे। प्रात: तमसा में स्नान के पश्चात लखनलाल ने यहां भगवान शिव को स्थापित कर पूजन अर्चन किया तभी से यह लखनेश्वर डीह के नाम से प्रसिद्ध हो गया। ऐसी पवित्र नदी थी तमसा। तमसा नदी के तट के आसपास अनेकों रहस्य जहां छिपे हैं। यह ऋषि मुनियों की तपोस्थली भी रही है। इसका उल्लेख शास्त्रों में भी है। ऐसी पवित्र जीवनदायिनी, कृषि, अर्थ व्यवस्था की शान तमसा आज सरकार और समाज की उपेक्षा का दंश झेल रही है। तमसा में अयोध्या से बलिया तक हजारों नालों का गंदा जल प्रवाहित हो रहा है। जिसके चलते आज यह पूरी तरह दूषित होकर रह गई है।

शिक्षक नेता एवं शिक्षाविद् शंभु ¨सह ने कहा कि गंगा देश की सभ्यता, संस्कृति की प्रतीक व जीवनदायिनी है। इसे स्वच्छ रखना हम सबका दायित्व है। इस अभियान में जब तक सभी ईमानदारी से नहीं लगेंगे तमसा साफ नहीं हो सकती।

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ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि सतीश ¨सह ने कहा कि गंगा को दूषित करने में जहां सरकारें दोषी हैं वहीं समाज भी कम जिम्मेदार नहीं है। गंगा जब तक प्रदूषण मुक्त नहीं होगी तब तक तमसा स्वच्छ नहीं होगी।

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प्रबंधक नारायण प्रसाद श्रीवास्तव ने कहा कि सरकार ने तो गंगा सहित अनेक नदियों को स्वच्छ रखने का अभियान चला रही है लेकिन जब तक इसके प्रति जन-जन जागरूक नहीं होगा तब तक नदियों को साफ रखना मुमकिन नहीं दिखता।

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प्रबंधक अवधेश ¨सह ने कहा कि सरकार ने अपनी जिम्मेदारी एक एहसास होने पर स्वच्छता अभियान चला रही है। अब जरूरत है कि हम पूरी निष्ठा से निभाएं ताकि स्वच्छ भारत की संकल्पना को साकार किया जा सके।

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नदियों की साफ-सफाई सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिए शीघ्र ही प्रयास किए जायेंगे। एक अभियान चलाकर कूड़ा-कचरा फेंकने व दूषित करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

ज्ञानप्रकाश यादव

उपजिलाधिकारी रसड़ा


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