दो एकड़ में तैयार किए बाग, अब कमा रहे मुनाफा
नगर के मवेशी हास्पिटल से सटे संत रविदास जी के मंदिर सेनगर के मवेशी हास्पिटल से सटे संत रविदास जी के मंदिर सेनगर के मवेशी हास्पिटल से सटे संत रविदास जी के मंदिर से
जागरण संवाददाता, बांसडीह (बलिया) : आज चारों तरफ प्रकृति की असमानता के चलते पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है। इसका मुख्य कारण पेड़ों की अंधाधुंध कटाई ही है। जिससे पृथ्वी पर पेड़-पौधे कम होते जा रहे हैं और इसके कारण आज राह चलते लोगों का दम फूलने लगा है, सांस लेने में परेशानी हो रही है। पेड़-पौधों की कमी के चलते ही भूगर्भ जलस्तर भी नीचे जा रहा हैं। पर्यावरण संरक्षण में जन-जन की भागीदारी की जरूरत महसूस की जा रही है। हालांकि कुछ जागरूक लोग हैं जो इस दिशा में सार्थक प्रयास कर रहे हैं। ऐसे ही जागरूक लोगों में से एक हैं हालपुर निवासी सेवानिवृत्त अध्यापक श्रीभगवान ¨सह। उन्होंने अपने ट्यूबवेल पर आठ वर्ष पूर्व दो एकड़ में पौधरोपण कर फुलवारी लगाई थी। उचित सेवा से अब वह बाग का रूप धारण कर लिया है। उसी बाग के बीच तालाब भी खोदवाया है जिसमें वर्ष पानी भरा रहता है। उस बाग में फलदार वृक्ष के साथ साथ विलुप्त हो रहे महुआ के भी पौधे लगाए गए हैं। इसी बाग के बीच खाली जमीन पर वे सब्जी की खेती कर भी अच्छा मुनाफा लेते हैं। --जीवन के लिए जरूरी हैं जीवनदाता
जीवन के लिए जरुरी है आक्सीजन और आक्सीजन के लिए हमें पेड़ पौधों लगाना जरूरी है। हमें पुराने पेड़ों का संरक्षण और इस बरसात में नए पौधे का रोपण करने से पीछे नहीं रहना चाहिए। हमारी उदासीनता के चलते ही पर्यावरण असंतुलित हो गया है। इस मामले में यदि अभी भी सतर्क नहीं हुए तो आने वाला समय और भी भयावह होगा--
-श्रीभगवान ¨सह