बुजुर्ग खड़े थे धूप में, अंदर कार्य कर रहे थे कर्मचारी
जागरण संवाददाता, बलिया : जनता की समस्याओं को लेकर गंभीर शासन का फरमान धरातल पर दिखाई
जागरण संवाददाता, बलिया : जनता की समस्याओं को लेकर गंभीर शासन का फरमान धरातल पर दिखाई देने लगी है। अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक अब समय से अपने कार्यालय में पहुंच जा रहे है। इसके बाद जनता की समस्याओं के साथ ही कार्यालय कार्य भी निपटाने हुए दिखाई देते हैं। शासन के इस फरमान का असर कार्यालयों पर दिखाई देने लगा है। हालांकि सर्वत्र एक जैसे हालात अभी भी नहीं हैं। नगर में मौजूद कई कार्यालयों की कार्यशैली अभी भी नहीं सुधर रही है। वहीं अधिकांश कार्यालय ऐसे भी हैं जहां आफिस आने के बाद भी अधिकारी कार्य नहीं करते हैं। बुधवार को जागरण की टीम जब विद्युत वितरण खंड प्रथम के कार्यालय पहुंची तो वहां अपना बिल जमा करने के लिए उपभोक्ता कड़ी धूप में लाइन में लगे हुए थे। इसमें बुजुर्ग भी थे जो ज्यादा देर तक खड़े रहने में असमर्थ थे। इसके बावजूद भी विभाग की ओर से उनके लिए कोई सहूलियत नहीं दी जा रही थी। पूछने पर कुछ बुजुर्गों ने बताया कि विभाग को उनके लिए अलग से व्यवस्था करनी चाहिए ताकि वे तत्काल अपना बिल जमा कर सकें। आफिस के अंदर कर्मचारी अपने कार्यालय में कामकाज निपटाते हुए मिले, वहीं एसडीओ गायब थे।
सीन-एक-सुबह--11 : 00 बजे
एसडीओ प्रथम मिथलेश ¨सह की कुर्सी खाली थी। इनसे मिलने के लिए कई उपभोक्ता बैठ कर इंतजार कर रहे थे। बताया गया कि वे किसी काम से बाहर गए हैं। वहीं उनके बगल की कुर्सी पर कम्प्यूटर आपरेटर धीरेंद्र राय उपभोक्ताओं की समस्या सुन रहे थे।
सीन-दो-11 : 04 बजे
कार्यालय के बड़े हाल में डिस्पैच बाबू विक्रम प्रसाद अपनी कुर्सी पर बैठ कर फाइलों का निपटारा कर रहे थे। वहीं उनके बगल में ओएस द्वितीय कौशल कुमार पाण्डेय भी समय बैठे अपना कार्य कर रहे थे। ओएस तृतीय रविन्द्र पाण्डेय की कुर्सी खाली पड़ी थी, पूछने पर पता चला की अभी तक नहीं आए हैं। उनके बगल में परिचारक अजय कुमार अपनी कुर्सी पर न बैठकर आफिस के कार्य में सहायता कर रहे थे।
सीन-तीन-11 : 07 बजे
जमा काउंटर पर राजेश पाण्डेय आपरेटर, पवन ¨सह आपरेटर व सूर्या ¨सह आपरेटर उपभोक्ताओं का बिल जमा करने में व्यस्त मिले।
सीन-चार-11 :10 बजे
धूप में उपभोक्ता लंबी लाइन में लगकर अपना बिजली बिल जमा कर रहे थे। पसीने से भीगे लोगों के लिए विभाग की ओर से छांव की कोई व्यवस्था नहीं थी। अधिकारी व कर्मचारी जनता के पैसे से ही अपने आफिसों में एसी लगा कर अपना काम कर रहे थे। इसको लेकर कई बुजुर्गों ने अपनी नाराजगी भी जाहिर की।