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बाबू को निलंबित करने का निर्देश

जनपद में स्वास्थ्य महकमें का मामला कभी भी ठंडा नहीं रह पाता। एक मामला दबता है तब तक दूसरे मामले का जन्म हो जाता है। नया मामला एनआएचएम के बाबू से जुड़ा है। आजमगढ़ में मण्डलायुक्त सभागार में बुधवार को मंडलायुक्त कनक त्रिपाठी ने कार्यों में शिथिलता पाये जाने पर सीएमओ बलिया को यह आदेश दिया है कि सीएमओ कार्यालय में कार्यरत लिपिक मुन्ना बाबू को तत्काल निलंबित कर दिया जाए।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Nov 2019 07:10 PM (IST)Updated: Fri, 22 Nov 2019 06:04 AM (IST)
बाबू को निलंबित करने का निर्देश
बाबू को निलंबित करने का निर्देश

जागरण संवाददाता, बलिया : जनपद में स्वास्थ्य महकमे का मामला कभी भी ठंडा नहीं रह पाता। एक मामला दबता है तब तक दूसरे मामले का जन्म हो जाता है। नया मामला एनआएचएम के बाबू से जुड़ा है। आजमगढ़ में मंडलायुक्त सभागार में बुधवार को मंडलायुक्त कनक त्रिपाठी ने कार्यों में शिथिलता पाये जाने पर सीएमओ बलिया को यह आदेश दिया है कि सीएमओ कार्यालय में कार्यरत लिपिक मुन्ना बाबू को तत्काल निलंबित कर दिया जाए। इस खबर को लेकर स्वास्थ्य महकमे में दिन भर चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। बहुत से लोग खुश हुए तो बहुतों के अंदर निराशा का भाव भी दिखा। मंडलायुक्त ने जननी सुरक्षा योजना के तहत गत वर्ष के लाभार्थियों का भुगतान लंबित होने, आशाओं के लिए फार्म प्रिन्टिग का टेंडर होने के बाद एनआइसी पर अपलोड नहीं करने, दो साल से टेण्डर की कार्रवाई अटके रहने व आशाओं की ट्रेनिग की धनराशि ब्लाकों पर भेजने में लापरवाही करने पर एनआरएचएम पटल देख रहे लिपिक मुन्ना बाबू को तत्काल निलंबित करने का निर्देश दिया है। हलांकि गुरुवार शाम तक विभाग की ओर से किसी कार्रवाई की सूचना नहीं थी, लेकिन मुन्ना बाबू का निलंबन तय माना जा रहा है।

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स्वास्थ्य विभाग के मुन्ना बाबू ने जब से बलिया में पांव रखे, विभाग में उनके कारनामों का डंका बजने लगा। कुछ दिन पहले एक मामला यह भी है कि नई नियुक्ति के बाद यहां आए 12 फार्मासिस्टों ने नियुक्ति पत्र जारी करने और कार्यभार ग्रहण कराने के नाम पर इन पर धनराशि मांगने का आरोप लगाया था। तब फार्मासिस्ट एसोसिएशन के लोगों ने विरोध में धरना भी दिया था। इसके बाद सीएमओ डा. पीके मिश्रा के सार्थक पहल पर फार्मासिस्टों को राहत मिली थी। इसके अलावा स्थानांतरण और नियुक्ति के मामले में भी संबंधित की कई कारगुजारियों की चर्चा सरेआम है। निशा की बैठक में जनपदीय जनप्रतिनिधियों ने भी इनके कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए, तत्काल कार्रवाई को कहा था। इसके बाद सीएमओ ने इनसे अहम जिम्मेदारियों के बोझ़ को लिखित रुप से कम कर दिया था। इधर कमिश्नर ने जब कार्य में लापरवाही पाए जाने पर इनको निलंबित करने का निर्देश दिया तो विभाग में खलबली मच गई है। अब सबकी नजर कमिश्नर के निर्देश पर होने वाले कार्रवाई पर सभी की है।

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मंडलायुक्त का आदेश प्राप्त हो चुका है। आदेश के अनुपालन में निलंबन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। उससे पहले संबंधित बाबू को कारण बताओ नोटिस जारी किया जा रहा है। उसका जवाब आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

-डा. पीके मिश्रा, मुख्य चिकित्साधिकारी।


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