डाक्टरों की हड़ताल बना घायल की मौत का कारण
स्थानीय थाना क्षेत्र के शिवपुर कपूर दियर गांव में रविवार की सुबह रास्ते के विवाद में हुए मारपीट में गंभीर रूप से घायल राजेंद्र सिंह उर्फ लल्लू सिंह (52) का रविवार की देर रात इलाज के दौरान आजमगढ़ के एक निजी अस्पताल में मौत हो गई। वहीं दूसरे रामजी सिंह की स्थिति भी चिताजनक बनी है।
जागरण संवाददाता, दोकटी (बलिया) : रविवार को शिवपुर कपूर दियर गांव में हुई मारपीट में घायल राजेंद्र सिंह उर्फ लल्लू सिंह को काफी चोट लगी थी। सिर पर भी गंभीर चोट के निशान थे। इसके बावजूद यदि समय से उनका उपचार शुरू होता तो काफी कुछ नियंत्रित किया जा सकता था, कितु डाक्टरों की हड़ताल के कारण उनका उपचार समय से नहीं हो पाया और घायल लल्लू सिंह की मौत ही गई।
मारपीट की घटना में बेहोश राजेंद्र सिंह उर्फ लल्लू सिंह को बलिया से वाराणसी के लिए रेफर किया गया था। परिजन उनको लेकर वाराणसी के बीएचयू ट्रामा सेंटर पहुंच ही रहे थे तब तक वाराणसी से किसी नजदीकी ने बताया कि ट्रामा सेंटर में चिकित्सक हड़ताल पर हैं। अंतत: परिजन फिर उन्हें लेकर आजमगढ़ एक निजी अस्पताल चले गए। वहां इलाज शुरू होते ही राजेंद्र सिंह उर्फ लल्लू सिंह की मौत हो गई। वहीं इस घटना में घायल रामजी सिंह की स्थिति अब भी चिताजनक बनी हुई है।
स्थानीय थाना क्षेत्र के शिवपुर कपूर दियर गांव में रविवार की सुबह रास्ते के विवाद में मारपीट की घटना हुई थी। इस घटना में राजेंद्र सिंह उर्फ लल्लू सिंह (52) गंभीर रूप से घायल हुए थे। इस घटना में एक अन्य घायल रामजी सिंह की स्थिति भी चिताजनक बनी हुई है। लल्लू की मौत की सूचना मिलने पर परिवार में कोहराम मच गया है। वहीं दूसरे पक्ष के लोग लल्लू सिंह की मौत के बाद घर छोड़कर फरार हो गए हैं। दोकटी पुलिस ने मृतक सहित सात लोगों पर उमेश मौर्य की तहरीर पर मुकदमा कायम किया है। उधर मौर्य पक्ष के 14 लोगों के खिलाफ रामजी सिंह की तहरीर पर मामला दर्ज किया गया है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि लालगंज पुलिस ने अगर थोड़ी सी गंभीरता बरती होती तो यह घटना नहीं होती। लल्लू सिंह को मौत के मुंह जाने से रोका जा सकता था, लेकिन नेतागीरी के चक्कर में पुलिस ने इस विवाद को बढ़ने का मौका दिया। अब एक की मौत के बाद गांव में तनाव की स्थिति बनती जा रही है। डाक्टरों की हड़ताल भी बना मौत का कारण
शिवपुर कपूर दियर गांव में हुई मारपीट के बाद परिजन और गांव के लोग घायलों को पहले स्थानीय सोनबरसा अस्पताल ले गए। वहां से लल्लू सिंह व रामजी सिंह को सदर अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। यहां भी उनकी हालत गंभीर देख डाक्टर जवाब दे दिए और घायल लल्लू सिंह व रामजी सिंह को वाराणसी के ट्रामा सेंटर के लिए रेफर किया गया। सभी वाराणसी पहुंचने वाले थे तब तक वाराणसी से किसी नजदीकी ने बताया कि वाराणसी में चिकित्सक हड़ताल पर हैं। इसके बाद परिजन दोनों घायलों को लेकर मऊ के लिए निकल पड़े। वहां भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी। अंतत: परिजन उन्हें आजमगढ़ एक निजी अस्पताल में ले गए जहां लल्लू की मौत हो गई। घायल की हो गई मौत, उसे ही गिरफ्तार करने पहुंची पुलिस
क्षेत्र में कानून व्यवस्था कैसी है, इसका नजारा लोगों को शिवपुर कपूर दियर गांव में देखने को मिला। यहां मारपीट के घायल होने के बाद मौत के मुंह में समाए लल्लू सिंह को ही गिरफ्तार करने पुलिस पहुंची थी। यह देख गांव के लोग भी चकित हो गए। गांव के लोगों ने बताया कि लल्लू सिंह और उमेश मौर्य के बीच काफी दिनों से रास्ते का विवाद चल रहा था। लल्लू सिंह के पक्ष ने इसकी शिकायत लालगंज पुलिस चौकी में लिखित रूप से की थी। पुलिस ने कार्रवाई की जगह दोनों पक्षों में समझौता करा दिया था। जिसके बाद रविवार को उसी रास्ते को लेकर मारपीट हो गई। इधर पुलिस एक लोकल भाजपा नेता के कहने पर मारपीट के बाद उमेश मौर्य की तरफ से दोकटी थाने में लल्लू सिंह सहित सात लोगों पर मुकदमा दर्ज कर घायल लल्लू सिंह आदि को गिरफ्तार करने उनके घर पहुंच गई थी, कितु लल्लू की मौत की खबर सुनते ही पुलिस उल्टे पांव भाग खड़ी हुई। इस घटना में पुलिस की भूमिका को लेकर गांव में काफी आक्रोश है।
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