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कैमरे ने सबकुछ देखा, फिर भी सब बन गए अनजान

जागरण संवाददाता, बलिया : भाजपा शासन में प्रदेश स्तर का आंकड़ा भले ही ठीक हो ¨कतु बलिया म

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Sep 2018 08:38 PM (IST)Updated: Sun, 23 Sep 2018 08:38 PM (IST)
कैमरे ने सबकुछ देखा, फिर भी सब बन गए अनजान
कैमरे ने सबकुछ देखा, फिर भी सब बन गए अनजान

जागरण संवाददाता, बलिया : भाजपा शासन में प्रदेश स्तर का आंकड़ा भले ही ठीक हो ¨कतु बलिया में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। सभी बड़े अधिकारी भी डरे हुए हैं। वे भले ही अपना मुंह नहीं खोल रहे ¨कतु सच्चाई बार-बार सामने आ रही है। रहनुमा विभागों में कमी दिखाकर अधिकारियों पर अपनी हनक जरूर जमाते हैं ¨कतु संबंधित विभाग में जरूरी इंतजाम के नाम पर कुछ भी बेहतर करने का प्रयास नहीं करते। शनिवार शाम को कलेक्ट्रेट सभागार में डीएम की मौजूदगी में बैरिया विधायक सुरेंद्र ¨सह ने डीआइओएस को पीटकर इस बात को और भी उजागर कर दिया कि यहां अधिकारी रहनुमाओं के प्रेशर में रहकर काम करने को मजबूर हैं। घटना के वक्त जब विधायक अपनी जगह से उठकर डीआइओएस की ओर बढ़े तो सब देख रहे थे। वहां मौजूद अधिकारी या अन्य नेता चाहते तो विधायक को रोक सकते थे ¨कतु उन्हें रोकने की हिम्मत भी किसी ने नहीं जुटाई। मौके का तमाम नजारा वायरल वीडियो में साफ दिख रहा हैं। डीएम भी कुछ एक्शन जरूर ले सकते थे, लेकिन किसी ने उन्हें नहीं रोका और वे सीधे डीआइओएस के पास पहुंच कर अभद्रता की सारी सीमाएं लांघने लगे। डीआइओएस वहीं कुर्सी पर गिर गए और विधायक के साथ पहुंचे कुछ अन्य लोगों ने भी उन्हें पीटने का प्रयास किया। इस घटना की खबर कुछ ही मिनट में पूरे नगर में फैल गई। मौके पर जाकर जब अलग- अलग लोगों से घटना के संबंध में बात की गई तो सभी सुर में सुर मिलाते हुए पूरी घटना का पटाक्षेप करने में जुट गए। बैठक के अंदर से वायरल वीडियो घटना की पूरी कहानी बयां कर रहा है। इसके बावजूद सांसद भरत ¨सह ने भी बैठक शांति पूर्ण तरीके से होने का दावा किया। वहीं डीआइओएस तक शायद डर के मारे स्पष्ट रूप से बार-बार कहते रहे कि मेरे साथ थोड़ी सी अभद्रता हुई है। डीएम भवानी ¨सह खंगारौत तक इस घटना में कोई एक्शन लेने के बजाय तुरंत समझौता कराने में जुट गए और घटना के एक घंटे बाद ही खबर आने लगी कि बैरिया विधायक ने अपनी अभद्रता के लिए डीआइओएस से माफी मांग ली है। अब बात खत्म हो गई।

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--यह है विवाद की मूल जड़

पिछले दिनों बैरिया विधायक सुरेंद्र ¨सह डीआइओएस से शिक्षकों की कुछ समस्याओं को लेकर मिलने उनके कार्यालय में पहुंचे थे। डीआइओएस अपने आवास पर थे। विधायक ने जब उन्हें मिलने के लिए फोन किया तो उन्होंने इनकार कर दिया था। तब विधायक भी जिद पर अड़ गए थे। काफी देर तक विधायक कुछ शिक्षकों के साथ वहीं जमे रहे। इसके बावजूद भी डीआइओएस अपने आवास से नहीं निकले। बाद में कुछ अधिकारियों ने विधायक को समझाया तब वे अपने घर गए। डीआइओएस नरेंद्रदेव बैठक के दौरान अपने संबोधन में यही बोल रहे थे कि मैं कई तरह के फर्जी मामलों में हस्तक्षेप करता हूं। वहीं कुछ लोग गलत काम करवाने के लिए दबाव बना रहे हैं। इसलिए मेरा विरोध भी कर रहे हैं, इतना सुनने के बाद ही विधायक तैश में आ गए थे।

विभाग से भी नहीं मिलता डीआइओएस को समर्थन

अपने कार्यालय में भी डीआइओएस नरेंद्र देव को अंदर से विभागीय समर्थन नहीं मिलता। यह बात कई बार सामने आ चुकी है। विभाग में चर्चा है कि वे अपने कर्मचारियों तक की बात को तवज्जो नहीं देते हैं। इससे कर्मचारी उनके साथ काम जरूर करते हैं ¨कतु अंदर से वे भी नाराज हैं। इसके अलावा डीआइओएस किसी का भी फोन रिसीव नहीं करते हैं, यह शिकायत भी आम है।

--कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं हूं

किसी के भी बारे में कुछ कहने की स्थिति में नहीं हूं। यह सोच कर बलिया आया हूं कि यहां कोई भी गलत कार्य नहीं होने दूंगा। जिले के शैक्षिक माहौल को सुधारने के लिए बहुत कुछ करना चाहता हूं। इसके लिए चाहे मुझे जो सजा मिले मुझे मंजूर है। बैठक की घटना से दुखी हूं। किसी पर कोई आरोप नहीं लगाना चाहता।

--नरेंद्र देव, डीआइओएस --¨नदनीय है अभद्रता की यह घटना

प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक में डीआइओएस के साथ अभद्रता की घटना ¨नदनीय है। ऐसी घटना कभी नहीं होनी चाहिए। डीआइओएस जब से बलिया आए हैं यह सही है कि कार्यालय से दलालों को लगातार सफाया हो रहा है। मुझे घटना का दुख है वहीं एक शिकायत भी है कि ये पहले ऐसे डीआइओएस हैं जिन्हें माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रतिनिधियों से मिलने का समय नहीं है। शिक्षकों की समस्याओं के निस्तारण में भी कुछ कमियां हैं। उनसे अपेक्षा है कि वे तमाम ¨बदुओं पर ध्यान दें।

विजय कुमार ¨सह, प्रांतीय उपाध्यक्ष, माध्यमिक शिक्षक संघ --सांसद ने घटना पर जताया खेद

बैठक में नोकझोंक हुई। बीचबचाव कर मामला शांत करा लिया गया। विधायक और डीआइओएस को डीएम की मौजूदगी में बैठाकर घंटों समझाया। ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए। उस बैठक में मैं भी मौजूद था। इसके बावजूद भी ऐसी घटना हुई जिसका मुझे खेद है। अब विधायक भी समझ गए हैं। उन्होंने अपनी गलती की माफी मांग ली है। वहीं डीआइओएस भी अब सामान्य हो चुके हैं। जिले के सभी अधिकारी सरकार के अंग हैं। उनकी सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है।

--भरत ¨सह, सांसद। विधायक और विवाद

बैरिया के विधायक सुरेंद्र ¨सह अपने कारनामों और बयानों से हमेशा चर्चा में रहते हैं। इसी क्रम में उन्होंने द्वाबा में लाल बालू की तस्करी पर खुले मंच से कई बार कहा कि पुलिस यदि बालू लदे ट्रैक्टर को रोके या पैसा मांगे तो उसे मारो। विधायक व समर्थकों पर वन दरोगा की पिटाई का आरोप भी लग चुका है। लेखपाल के साथ उनके भतीजे का जब जून में विवाद हुआ तब भी उन्होंने कहा था कि यहां अधिकारी पैसे लेकर भी काम करेगा कि नहीं इसकी कोई गारंटी नहीं है। इसके अलावा राहुल गांधी, ममता बनर्जी सहित अन्य शीर्ष नेताओं पर उनके विवादित बयान हमेशा जारी होते रहते हैं। एससीएसटी एक्ट पर भारत बंदी में भी वे सवर्णाें के साथ सड़क पर थे। बैरिया में इस मामले में बड़ा बवाल हुआ था। उन्नाव दुष्कर्म कांड के मामले में भी विधायक के बयान ने पूरे माहौल को गर्म कर दिया था। इतने के बावजूद भी पार्टी ने विधायक पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की। इसको लेकर चर्चा चलती रहती है।


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