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बदहाली के कगार पर पहुंचा जमालपुर का एएनएम सेंटर

जागरण संवाददाता, बैरिया (बलिया) : सरकारी धन का दुरुपयोग व शासन की मंशा पर पानी फिरता दे

By JagranEdited By: Published: Tue, 31 Jul 2018 09:29 PM (IST)Updated: Tue, 31 Jul 2018 09:29 PM (IST)
बदहाली के कगार पर पहुंचा जमालपुर का एएनएम सेंटर
बदहाली के कगार पर पहुंचा जमालपुर का एएनएम सेंटर

जागरण संवाददाता, बैरिया (बलिया) : सरकारी धन का दुरुपयोग व शासन की मंशा पर पानी फिरता देखना हो तो बैरिया तहसील के ग्राम पंचायत जमालपुर में देखा जा सकता है। यहां लाखों की लागत से नवनिर्मित एएनएम सेंटर बिना प्रयोग के बदहाली के कगार पर पहुंच चुका है। देखरेख के अभाव व विभागीय उपेक्षा के चलते भवन का दरवाजा, खिड़की या तो टूट गए हैं, अथवा गायब हो चुके हैं। बाउंड्रीवाल भी टूट रही है। मुख्य दरवाजे का एक हिस्सा गायब है। यह भवन बने कई वर्ष हो रहे हैं लेकिन अभी तक उपयोग विहीन है। जमालपुर आयुर्वेदिक अस्पताल के पास प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोटवां अंतर्गत बना यह एएनएम सेंटर काफी समय पहले ही पूर्ण हो चुका था ¨कतु अभी तक इसकी जानकारी यहां के स्वास्थ्य कर्मियों को नहीं थी कि यह विभाग को हैंडओवर हुआ भी है या नहीं। केंद्र में न ही कोई स्वास्थ्य विभाग का स्टाफ बैठता है और न ही कोई स्वास्थ्य संबंधित सामग्री ही उपलब्ध है। प्रसव पीड़ित महिलाओं को नाना प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है, बावजूद इसके जिम्मेदार आंख मूंदे बैठे हैं। उपेक्षा के चलते भवन की हालत दिनों दिन दयनीय होती जा रही है। स्थिति यह है कि एएनएम सेंटर के चारों तरफ बड़े-बड़े झाड़-झंखाड़ उग आए हैं और जहरीले जीवों का अड्डा बन गया है।

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इस संबंध में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोटवां के चिकित्साधिकारी डा.पुणेंद्र कुमार से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उक्त सेंटर की जानकारी मेरे संज्ञान में नहीं थी। अब जानकारी मिली है कि ठेकेदार द्वारा जिले पर इसको हैंडओवर कर दिया गया है। जल्द ही वहां पर साफ-सफाई कराकर सेंटर पर जो सुविधाएं होती हैं उसकी व्यवस्था कराकर उक्त ग्राम पंचायत में नियुक्त एएनएम को वहां पर तैनात कर दिया जाएगा। आज तक न उक्त सेंटर की साफ-सफाई हुई न ही वहां किसी की तैनाती हुई। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोटवां अंतर्गत 23 उपकेंद्र है, जिसमें 13 उपकेंद्र किराए पर हैं और नौ उपकेंद्र सरकारी भवनों में संचालित होता है। इसमें अधिकतर उपकेंद्र की स्थिति लगभग खराब ही है। जो ठीक-ठाक है, वहां भी तैनात स्वास्थ्य कर्मी लापरवाह हैं। ग्राम पंचायतों ने स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों समेत जिला प्रशासन से प्रसव केंद्र की दशा सुधारने व संचालन शुरू कराए जाने की मांग की है ताकि गांवों की महिलाओं को टीकाकरण व प्रसव के लिए इधर-उधर न भटकना पड़े। दर्जनों सेंटर किराए के भवन में होते संचालित

मधुबनी, शिवाल मठिया, दया छपरा, चांदपुर, मिश्र के मठिया, बैरिया, जगदेवां, नारायणगढ, दलछपरा, गोन्हिया छपरा, नवका गांव, करमानपुर, चाई छपरा, चक्की नौरंगा गांवों में किराए के भवन में एएनएम सेंटर संचालित होते हैं। जबकि कोटवां, श्रीनगर, बलिहारी, गोपालपुर, चकिया, मानगढ़, टेंगरही व नौरंगा गांवों में सरकारी भवनों में संचालित होते हैं।


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