बौद्धिक विकास के लिए पाठ्य सहगामी क्रियाएं आवश्यक
प्राथमिक विद्यालय करमपुर नवीन पर बच्चों के बौद्धिक विकास की अड़चनें विषयक गोष्ठी आयोजित की गई।मुख्य अतिथि गीतकार व समाजसेवी बब्बन सिंह बेबस ने कहा कि पठन-पाठन के साथ खेलकूद वाद-विवादअंत्याक्षरी जैसी विधाओं से उनका बौद्धिक विकास तेजी से होता है।
जागरण संवाददाता, सुखपुरा (बलिया) : प्राथमिक विद्यालय करमपुर नवीन पर बच्चों के बौद्धिक विकास की अड़चनें विषयक गोष्ठी आयोजित की गई। मुख्य अतिथि गीतकार व समाजसेवी बब्बन सिंह बेबस ने कहा कि पठन-पाठन के साथ खेलकूद, वाद-विवाद, अंत्याक्षरी जैसी विधाओं से उनका बौद्धिक विकास तेजी से होता है। यही नहीं बच्चों का अवधान बढ़ता है व सामाजिक सौहार्द की भावना भी विकसित होती है। बच्चों पर लादा जा रहा किताबों का बोझ उसके विकास में बाधक बन रहा है। आवश्यकता है कि पठन-पाठन के साथ अन्य गतिविधियों को संचालित करने की ताकि बच्चों में अपेक्षित परिवर्तन किया जा सके।
विद्यालय में खेलकूद, स्काउट गाइड, अंत्याक्षरी एवं वाद-विवाद प्रतियोगिताओं का आयोजन इसमें कारगर साबित हो सकता है। प्रधानाचार्य विजय शंकर सिंह ने कहा कि मातृभाषा के प्रति बच्चों को प्रेरित करने की जरूरत है ताकि अपनी भाषा व साहित्य का ज्ञान प्राप्त करना इनके लिए सरल हो सके। इस दौरान मुख्य अतिथि को अंगवस्त्रम व स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर रुस्तम अली, सुमन दुबे, रामसिद्धि राम, छोटेलाल गुप्त, अभिमन्यु, आकाश आदि मौजूद थे। अध्यक्षता विजय शंकर गुप्त, संचालन सतीश कुमार व आभार प्रकट उमेश कुमार सिंह ने किया।