Move to Jagran APP

सुप्रीम कोर्ट के आदेश से प्रदूषण में होगी कमी

जागरण संवाददाता, बैरिया (बलिया) : सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर कि इस साल दीवाली में पटाखों का शोर बहुत ही कम हो जाएगा, इसका आम लोगों ने स्वागत किया है। साथ ही लोगों का कहना है कि कोर्ट द्वारा एक निश्चित समय निर्धारित कर दिए जाने से शोर शराबे से काफी राहत मिलेगी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 Oct 2018 09:34 PM (IST)Updated: Tue, 30 Oct 2018 09:34 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट के आदेश से प्रदूषण में होगी कमी
सुप्रीम कोर्ट के आदेश से प्रदूषण में होगी कमी

जागरण संवाददाता, बैरिया (बलिया) : सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर कि इस साल दीपावली में पटाखों का शोर बहुत ही कम हो जाएगा, इसका आम लोगों ने स्वागत किया है। साथ ही लोगों का कहना है कि कोर्ट द्वारा एक निश्चित समय निर्धारित कर दिए जाने से शोर शराबे से काफी राहत मिलेगी। वहीं ध्वनि व वायु प्रदूषण में कमी होगी। अब देखना है कि सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के प्रति प्रशासनिक अमला कितना गंभीर होता है।

loksabha election banner

पटाखा बजाने पर रोक लगाना उचित

निर्धारित समय के अंदर पटाखे जलाने के कोर्ट के इस आदेश को गंभीरता से लेने को संबधित अधिकारियों को निर्देश तो दे दिए गए हैं जिस पर प्रशासन को सख्त होना स्वाभाविक है। पटाखे जलाने से जहां प्रदूषण में वृद्धि होती है वहीं पटाखों की ध्वनि से रोगियों की परेशानियां बढ़ जाती है। इस लिहाज से भी पटाखा बजाने पर रोक लगाना उचित है। आम जन का कहना है कि ऐसे पटाखे बाजार में मौजूद होने चाहिए जिससे कम से कम नुकसान हो। दीपावली के दिन आतिशबाजी के दौरान काफी संख्या में बच्चे घायल हो जाते हैं। पटाखे जलाने से जहां ध्वनि व वायु प्रदूषण का बढ़ावा मिलता है। वहीं सांस संबंधी रोगियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। कभी-कभी तो पटाखे से निकले धुएं से संबंधित रोगियों की मौत भी हो जाती है।

-अरुण कुमार चौबे सुप्रीम कोर्ट की यह नई गाइड लाइन एक ऐतिहासिक कदम है। इससे जहां शोर-शराबा में कमी आएगी। वहीं धन की बर्बादी से बचा जा सकता है। इस गाइडलाइन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ प्रशासन को सख्त कदम उठाना चाहिए।

-विनोद यादव पटाखे जलाने से जमीन से लेकर हवा तक प्रदूषित हो जाती है। इससे वायुमंडल प्रदूषित होने के साथ-साथ कई तरह के रोग होते हैं। इस गाइड लाइन में स्पष्ट निर्देश है कि एक निर्धारित समय सीमा के अंदर ही पटाखे जलाए जाएंगे। इससे काफी हद तक प्रदूषण पर रोक लग सकेगा।

-डा.सतीश कुमार ¨सह मुन्ना सुप्रीम कोर्ट का निश्चित रूप से यह जनहित में एक बड़ा फैसला है। इस फैसले से पैसों की बर्बादी पर रोक लग सकेगा क्योंकि पटाखों को जलाना पैसे की बर्बादी करना है। अब समाज के जागरूक लोगों को चाहिए कि पटाखे न जलाने की नसीहत बच्चों को दें और उससे होने वाली हानियों के बारे में उन्हें बताएं।

-अरुण कुमार श्रीवास्तव


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.