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काशी विद्यापीठ की तर्ज पर छात्रों को मिलेंगे पांच फीसद बोनस अंक

जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय अब छात्रों को महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ

By JagranEdited By: Published: Fri, 26 Feb 2021 06:15 PM (IST)Updated: Fri, 26 Feb 2021 06:15 PM (IST)
काशी विद्यापीठ की तर्ज पर छात्रों को मिलेंगे पांच फीसद बोनस अंक
काशी विद्यापीठ की तर्ज पर छात्रों को मिलेंगे पांच फीसद बोनस अंक

जागरण संवाददाता, बलिया : जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय अब छात्रों को महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी की तर्ज पर पांच फीसद बोनस अंक देगा। विवि प्रशासन छात्रों के हित में फैसले करता है। छात्रों के जारी आंदोलन को लेकर शुक्रवार को कुलपति प्रो. कल्पलता पांडेय ने अपनी बातें रखीं। कार्यकाल के एक वर्ष पूरे होने पर विवि में पत्रकार वार्ता के दौरान उन्होंने कुछ निर्णयों से अवगत कराया। कहा कि छात्रों की जो जायज मांगें थीं, उन्हें पहले ही पूरा कर दिया गया है।

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उन्होंने आंदोलित छात्रों को प्रोन्नत व उत्तीर्ण में अंतर को समझाते हुए कहा कि शासनादेश के आधार पर विद्यार्थियों को प्रोन्नत किया गया। शासनादेश में बैक पेपर कराने का भी उल्लेख है इसलिए उत्तीर्ण होने के लिए परीक्षा देना अनिवार्य है। उन्होंने स्पष्ट किया कि एक विषय के बैक पेपर के लिए 600 रुपये फीस निर्धारित है। एक से अधिक विषय चाहे दो, तीन या जितने भी होंगे उनके लिए कुल 900 रुपये निर्धारित है। प्रोफेशनल कोर्स के लिए 1200 रुपये फीस निर्धारित हुई है। अन्य विश्वविद्यालयों की अपेक्षा यहां ज्यादा सहूलियत दी गई है। काशी विद्यापीठ की परीक्षा समिति के निर्णय के अनुसार यहां भी पांच प्रतिशत नंबर बोनस के रूप में दिए जाने की व्यवस्था लागू हुई है।

प्रैक्टिकल में इस सत्र से हट जाएगा राइडर

कुलपति ने बताया कि प्रैक्टिकल परीक्षा में राइडर (प्राप्तांक की अधिकतम सीमा) लगाने के पक्ष में विवि नहीं है। एक कमेटी बनाई गई थी। रिपोर्ट मिलने पर इस सत्र से राइडर हटाने का निर्णय लिया गया है। पहले प्रैक्टिकल में नंबर देने की अधिकतम सीमा 75 प्रतिशत थी, जो बाद में 80 प्रतिशत हो गई। अब यह सीमा खत्म कर दी जाएगी। हालांकि 80 फीसद से ज्यादा अंक पाने वालों की कापी विवि में चेक कराई जाएगी। विद्यार्थियों की संख्या को लेकर फैलाई जा रही अफवाह

कुलपति ने बताया कि फिलहाल कुल 128 कालेजों में 80,324 विद्यार्थी हैं। ढाई हजार विद्यार्थी कम हुए हैं, जो प्रदेश के अन्य विवि की अपेक्षा सबसे कम हैं। अफवाह उड़ाई जा रही है कि एक लाख से 45 हजार छात्र हो गए हैं, यह गलत है।


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