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लॉकडाउन पर सख्ती, शहर से गांव तक की सड़कें वीरान

राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दूसरे दिन गुरुवार को पुलिस प्रशासन नए तेवर में नजर आया। जिसका असर शहर से लेकर गांव तक देखने को मिला। सख्ती के कारण जहां शहर की सड़कें सूनी रहीं वहीं ग्रामीणांचलों में भी सियापा पसरा रहा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Mar 2020 05:10 PM (IST)Updated: Thu, 26 Mar 2020 10:14 PM (IST)
लॉकडाउन पर सख्ती, शहर से गांव तक की सड़कें वीरान
लॉकडाउन पर सख्ती, शहर से गांव तक की सड़कें वीरान

जागरण संवाददाता, बलिया : राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दूसरे दिन गुरुवार को पुलिस प्रशासन नए तेवर में नजर आया। इसका असर शहर से लेकर गांव तक देखने को मिला। सख्ती के कारण जहां शहर की सड़कें सूनी रहीं, वहीं ग्रामीणांचलों में भी सियापा पसरा रहा। हालांकि शांति व सुरक्षा के मद्देनजर जगह-जगह पुलिस गश्त करती रही। बुधवार को आने-जाने वालों पर थोड़ा नरमी दिखाने वाला जिला प्रशासन गुरुवार को सख्त नजर आया। विभिन्न चौराहों पर तैनात पुलिसकर्मी वाहन चालकों को रोककर अकारण बाहर निकलने वालों की खातिरदारी भी करते रहे। जिले के अधिकतर क्षेत्रों में मस्ती करने वालों को पुलिसिया अंदाज का सामना भी करना पड़ा। बैंकों में दिख रहे इक्का-दुक्का लोग

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कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए संपूर्ण लॉकडाउन का असर बैंक व डाकघरों में भी दिख रहा है। उपभोक्ताओं से गुलजार रहने वाले सरकारी दफ्तरों में तो पहले ही ताला लटक चुका है, लेकिन बैंक व डाकघरों को इससे मुक्त रखा गया है। बावजूद लोगों ने इससे दूरी बना ली है। सामान्य दिनों में जहां बैंकों में ग्राहकों की लंबी कतार नजर आती है। लॉकडाउन के चलते लोग अपने घरों से निकलने से बच रहे हैं। एलडीएम डीके सिन्हा ने बताया कि लॉकडाउन के चलते लोग बैंक नहीं आ रहे हैं। सुबह खुलीं रोजमर्रा की दुकानें

जिला प्रशासन के आदेश के बाद सुबह चार घंटे के लिए कुछ दुकानों को खोला गया जहां से लोगों ने रोजमर्रा की वस्तुएं खरीदीं। आदेश के मुताबिक पूर्वाह्न 11 बजे के बाद दवा की दुकान को छोड़कर सभी तरह की दुकानें बंद कर दी गई। डीएम के आदेश सुबह सात से दोपहर 11 बजे तक दुकानों के खुलने पर आवश्यक वस्तुओं के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। हालांकि यहां भी एहतियात के तौर पर ग्राहकों ने एक-दूसरे से दूरी बनाए रखी। पक्षियों के कलरव से गूंज रही फिजा

लगभग 32 लाख की आबादी वाले जनपद में वाहनों के कानफोड़ू हार्न के चलते न तो कोयल की कूक सुनाई देती थी और न ही गौरैया की चूं-चूं। इनकी बोली नगर के शोर में कहीं गुम हो गई थी, लेकिन इन दिनों लॉकडाउन के चलते वाहनों के पहिए थम गए हैं। इससे न सिर्फ प्रदूषण कम हुआ है, बल्कि फिजा ने पक्षियों की चहचहाहट व कलरव लोगों के कानों तक स्पष्ट रूप से पहुंच रही है। पुलिस हुई सख्त

लोगों को सुरक्षित घरों के रहने का कुछ इलाकों में बेअसर साबित हो रहा है। पुलिस की अपील का लोगों पर असर नहीं पड़ रहा है। अनावश्यक रूप से सड़कों पर तफरीह करने वाले समस्या बन गए हैं। बुधवार को पुलिस ने ऐसे लोगों को जहां समझा कर घर वापस भेज दिया था, वहीं गुरुवार को सख्ती दिखाई। ग्रामीण क्षेत्रों से लगायत नगरीय इलाके में बहुत से लोगों को पुलिसिया कार्रवाई का कोपभाजन होना पड़ा। वैसे वर्तमान परिस्थितियों में पुलिस की यह कार्रवाई आवश्यक जान पड़ती है, अन्यथा लोग अपनी आदत में सुधार नहीं करेंगे जो भविष्य को संकट में डाल सकता है।


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