सरयू फिर खतरे के निशान की ओर, दहशत बढ़ी
सरयू नदी के जलस्तर में दो दिन हुए धीमी घटाव के बाद रविवार को तेजी से बढ़ाव शुरु हो गया। जिससे तटवर्ती इलाकों में दहशत बढ़ गया है।
जागरण संवाददाता, बिल्थरारोड (बलिया) : सरयू नदी के जलस्तर में दो दिन तक हुए धीमे घटाव के बाद रविवार को तेजी से बढ़ाव शुरू हो गया। इससे तटवर्ती इलाकों में दहशत बढ़ गई है। तुर्तीपार जल आयोग के अधिकारियों के अनुसार रविवार को नदी का जलस्तर खतरा निशान 64.01 मीटर के सापेक्ष 63.870 मीटर दर्ज किया गया।
नदी अब खतरा निशान से महज 14 सेंटीमीटर दूर रह गई है। जलस्तर एक सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ रहा है। अधिकारियों ने जलस्तर में आगे भी बढ़ाव रहने की आशंका जताई है। ऐसे में चैनपुर गुलौरा में करीब सात स्पर बनाएं जाने के अलावा क्षेत्र के डेंजर जोन कहे जाने वाले खैरा, मुजौना, तुर्तीपार के तटवर्ती इलाकों में कटान व बाढ़ से बचाव को कोई बड़ा कार्य न किए जाने से इलाकाई लोगों की समस्या बढ़ गई है। पानी सामान्य स्तर से ज्यादा बढ़ जाने से तुर्तीपार, मुजौना, खैरा, शिवपुर मठिया, गुलौरा व टंगुनिया के तटवर्ती इलाकों में नदी का दबाव बढ़ गया है।
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भीषण बाढ़ की आशंका
जागरण संवाददाता, बैरिया (बलिया) : गंगा और सरयू के तटवर्ती गांवों के लोग इस साल भीषण बाढ़ की आशंका से भयभीत हैं। वहीं तहसील क्षेत्र में कटानरोधी कार्यों की स्थिति यह है कि कहीं भी कार्य पूरा नहीं हो पाया है। दूबे छपरा, जयप्रकाशनगर, अठगांवा, बीएसटी बांध, नौरंगा आदि स्थानों पर अब बारिश और नदियों का पानी बढ़ जाने से कार्य बाधित है। गांव के लोग विलंब से शुरू हुए कटानरोधी कार्य को लेकर आक्रोशित हैं। उनका कहना है कि बाढ़ विभाग की इस लापरवाही के कारण इस साल भी नदियों में तट पर निवास करने वाले लोग तबाही झेलने को विवश हैं। इस मुद्दे को लेकर रामगढ़ में सोमवार से बेमियादी अनशन की भी तैयारी हैं। तटवर्ती लोगों की यह मांग है कि रामगढ़ और गंगापुर प्राकलन तथा टीएसी के द्वारा स्वीकृत ड्राइंग को धरना स्थल पर सार्वजनिक किया जाए। 15 जुलाई तक कितने फीसद कार्य हुए उसका एमबी करके भुगतान की प्रक्रिया करते हुए शेष बचे धन को पीएलए या डीएम के टीआर 27 में जमा किया जाए, ताकि अक्टूबर में इस धन से पुन: समय से कार्य शुरू हो सके। सुधर छपरा में कटानरोधी कार्य हेतु प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया जाए। नौरंगा, दुबेछपरा, अठगांवा और सिताबदियारा में 19 जुलाई 2020 तक कितने फीसद कार्य हुआ और उसमें कितना भुगतान हुआ यह भी धरना स्थल पर विभाग द्वारा बताया जाए।