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29 करोड़ रुपये से हुआ है दूबेछपरा में कटानरोधी कार्य

नीलगाय तथा छुट्टा पशुओं के झुंड फसलों को नष्ट कर रहे हैं। इससे किसानों को काफी नुकसान हो रहा है। किसानों की समस्याओं को देखते हुए ध्रुवजी ¨सह स्मृति सेवा संस्थान के सचिव भानु प्रकाश ¨सह ने मुख्यमंत्री के सचिव से मुलाकात कर इन पशुओं से होने वाले व्यापक नुकसान को देखते हुए किसानों को बाड़बंदी के लिये अनुदान उपलब्ध कराने की मांग की। घूमंतु पशुओं के कारण रबी की फसल पूरी तरह बर्बाद होने के कगार पर है। किसानो को इस ज्वलंत समस्या से निजात दिलाने के लिए सरकार को निश्चित रुप से पहल करनी चाहिए।

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Feb 2019 04:40 PM (IST)Updated: Thu, 14 Feb 2019 04:40 PM (IST)
29 करोड़ रुपये से हुआ है दूबेछपरा में कटानरोधी कार्य
29 करोड़ रुपये से हुआ है दूबेछपरा में कटानरोधी कार्य

जागरण संवाददाता, बैरिया (बलिया) : करोड़ों की लागत से दूबेछपरा में हुए कटानरोधी कार्य के क्षतिग्रस्त भाग की मरम्मत नहीं कराई गई तो इस वर्ष बरसात दूबेछपरा, गोपालपुर, उदई छपरा सहित आधा दर्जन गांवों के अलावा एनएच 31 की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है क्योंकि बरसात के मौसम में यहां कटान काफी तेज थी जिसकी धारा से यहां कटान रोकने के लिए बना स्पर क्षतिग्रस्त हो गया। वहीं कटानरोधी कार्य का एक तिहाई हिस्सा गंगा में विलीन चुका है।

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बैरिया विधायक सुरेंद्र ¨सह के प्रयास से 29 करोड़ लागत से गंगा में कटान रोकने के लिए कटानरोधी कार्य कराए गए थे। कार्यों में निर्धारित मानक का उल्लंघन व भ्रष्टाचार के कारण पिछली बरसात में कटानरोधी कार्य का एक तिहाई हिस्सा कटान की जद में आ गया। इस कारण एक पखवारे तक यहां के हजारों लोगों को दहशत के साए में जीने को मजबूर होना पड़ा। साथ ही शासन-प्रशासन के लोगों को काफी दिनों तक यहां कैंप करना पड़ा था। सात करोड़ 75 लाख रुपये की लागत से बना स्पर इस कदर क्षतिग्रस्त हो चुका है। अगर उसकी मरम्मत नहीं कराई गई तो आगामी बाढ़ के मौसम में यह स्पर गंगा में विलीन हो जाएगा। धन के अभाव में नहीं हो रहा कार्य

कार्यो का जायजा लेने पहुंचे बाढ़ विभाग के अधीक्षण अभियंता वीरेंद्र प्रताप ¨सह ने कहा कि धन के अभाव में क्षतिग्रस्त कटानरोधी कार्य का मरम्मत नहीं हो पा रहा है। नए वित्तीय वर्ष में धन स्वीकृत होने पर क्षतिग्रस्त स्पर व अन्य कार्यों का मरम्मत कराया जाएगा। कुछ धन अवशेष है। उस धन से क्षतिग्रस्त स्पर का कार्य अगर 31 मार्च तक पूरा नहीं होगा तो ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई होगी। उनसे जब यह सवाल किया गया कि उन ठेकेदारों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है, जिन्होंने मानक के विपरीत कार्य कराया है। इस पर उनका जवाब था कि संबंधित ठेकेदारों का पूरा भुगतान हो गया है, उनके खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई प्रस्तावित नहीं है।


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