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¨हदी को सम्मान दिए जाने से प्रसन्नता

जासं, सुखपुरा (बलिया) : साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था अंकुर से जुड़े साहित्यकारों ने सोमवार को यहां एक बैठक में संयुक्त अरब अमीरात द्वारा अपनी अदालतों में ¨हदी को तीसरी भाषा के रूप में शामिल करने पर प्रसन्नता व्यक्त किया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 11 Feb 2019 08:49 PM (IST)Updated: Mon, 11 Feb 2019 08:49 PM (IST)
¨हदी को सम्मान दिए जाने से प्रसन्नता
¨हदी को सम्मान दिए जाने से प्रसन्नता

जासं, सुखपुरा (बलिया) : साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था अंकुर से जुड़े साहित्यकारों ने सोमवार को यहां एक बैठक में संयुक्त अरब अमीरात द्वारा अपनी अदालतों में ¨हदी को तीसरी भाषा के रूप में शामिल करने पर प्रसन्नता व्यक्त किया है। वक्ताओं ने कहा है कि अपने देश में ¨हदी राजभाषा से ऊपर नहीं उठ सकी जबकि उसे राष्ट्रभाषा का दर्जा मिलना चाहिए था। संयुक्त अरब अमीरात ने ¨हदी को जो सम्मान दिया है वह ¨हदुस्तान के रहनुमाओं को आईना दिखाने के लिए काफी है। वक्ताओं ने भारत सरकार से ¨हदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा देने व संयुक्त राष्ट्र में ¨हदी को स्थापित करने की मांग करते हुए कहा कि आखिर ¨हदी की उपेक्षा कब तक होती रहेगी। बृज मोहन प्रसाद, राज नारायण यादव, अर¨वद अलबेला, महावीर प्रसाद, विजय शंकर ¨सह, संजय राजभर, अनिल ¨सह आदि मौजूद रहे। अध्यक्षता विजय बहादुर ¨सह व संचालन सुभाष ने किया।

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