रानीगंज में नहीं थी बिजली तो ठप करा दी 150 गांवों की आपूर्ति
रानीगंज बाजार (कोटवां) में मंगलवार की रात बिजली नहीं रहने से नाराज दर्जनों युवक रात में ही विद्युत उपकेंद्र पर ही पहुंच कर 150 गांवों की विद्युत आपूर्ति एसएसओ से यह कहकर जबरन बंद करा दिया कि अगर हम लोगों को बिजली नहीं मिलेगी तो क्षेत्र में कही भी बिजली नहीं जाएगी। प्राइवेट एसएसओ ने बिजली बंद करने के बाद पूरा प्रकरण अवर अभियंता को बताया। इससे पूरी रात 150 गांवों की बिजली आपूर्ति ठप रही।
जागरण संवाददाता, बैरिया (बलिया) : रानीगंज बाजार (कोटवां) में मंगलवार की रात बिजली नहीं रहने से नाराज दर्जनों युवक रात में ही विद्युत उपकेंद्र पर ही पहुंच कर 150 गांवों की विद्युत आपूर्ति एसएसओ से यह कहकर जबरन बंद करा दिया कि अगर हम लोगों को बिजली नहीं मिलेगी तो क्षेत्र में कही भी बिजली नहीं जाएगी। प्राइवेट एसएसओ ने बिजली बंद करने के बाद पूरा प्रकरण अवर अभियंता को बताया। इससे पूरी रात 150 गांवों की बिजली आपूर्ति ठप रही।
बैरिया में दो विद्युत उपकेंद्र हैं, एक नया विद्युत उपकेंद्र है, जिसकी 33 हजार की लाइन दीघार के बैरिया तक अलग से बनी हुई है, उससे बैरिया, रानीगंज, तहसील सहित आस-पास के गांवों को बिजली दी जाती है, जबकि दूसरा पुराना विद्युत उपकेंद्र है, जिससे देहात क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति की जाती है। इस विद्युत उपकेंद्र पर चार फीडरों में जिससे लगभग 150 गांवों को विद्युत आपूर्ति की जाती है। मंगलवार को नया विद्युत उपकेंद्र का 33 हजार की लाइन खराब हो गई थी। जिससे बैरिया, रानीगंज सहित आस-पास के गांवों की विद्युत आपूर्ति बंद थी जबकि देहात में पुराने विद्युत उपकेंद्र से विद्युत आपूर्ति चालू थी।
यह देख रात लगभग 11 बजे एक दर्जन से अधिक युवक बैरिया विद्युत उपकेंद्र पर पहुंचकर जबरन यह कहते हुए पूरे क्षेत्र की बिजली बद करा दी कि हम लोगों को बिजली नहीं मिलेगी तो किसी को नहीं मिलेगी। एसएसओ मंतोष यादव ने विद्युत आपूर्ति बंद कर दिया और इसकी खबर रात में ही अपने अवर अभियंता को दिया।
अवर अभियंता कमलेश कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि आए दिन इस तरह की घटना विद्युत उपकेंद्र पर हो रही है। इस विषय में सीओ साहब को बताकर आग्रह किया गया था कि कम से कम पुलिस को दो जवान रात में विद्युत उपकेंद्र पर तैनात कर दें, कितु अभी तक ऐसा नहीं हो पाया। सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण जब लोग समूह में विद्युत उपकेंद्र पर आते हैं तो उनके मंशा के अनुसार काम करना पड़ता है।