लॉकडाउन में नहीं दिखे जनप्रतिनिधि तो चिपकाया पोस्टर
सोशल मीडिया पर वायरल होती तस्वीर आमलोगों में चर्चा का विषय बनी हुई है।
जागरण संवाददाता, बलिया: कोरोना संक्रमण से उपजे हालात से निपटने के लिए राजा, रंक, फकीर सभी अपने स्तर से जूझ रहे हैं। सरकार भी इसके लिए कमर कसी है। तालाबंदी की वजह से बेरोजगार हुए लोगों को जहां राहत पहुंचाने की माकूल व्यवस्था शासन स्तर से की जा रही है। लोग इसकी जमकर तारीफ भी कर रहे हैं वहीं जनपदवासियों को जनप्रतिनिधियों का क्षेत्र में न दिखना भी खल भी रहा है।
पिछले दो माह से लॉकडाउन के चलते दुश्वारियां झेल रहे लोगों का धैर्य आखिरकार गुरुवार को जवाब दे गया। कुछ छात्र नेताओं ने बकायदा नगर के प्रमुख क्षेत्रों में जनप्रतिनिधियों के गायब होने का पोस्टर चस्पा कर अपनी भड़ास निकाली। यही नहीं युवाओं ने सोशल मीडिया पर भी इसे वायरल कर लोगों से इन्हें ढूंढने में सहयोग मांगा। युवाओं का कहना था कि पिछले दो माह से जिले की जनता परेशान हैं। गैर प्रांत व शहरों से हजारों की संख्या में प्रवासी कामगार यहां आ चुके हैं। इनमें से बहुतेरों को न तो समय से भोजन मिल रहा है और न ही सरकार की योजनाओं का लाभ।
लोगों का आरोप है कि कोरोना महामारी के दौर में जहां सभी परेशान व बेहाल है वहीं नेता व जनता के सरताज जनप्रतिनिधि शारीरिक दूरी के नियमों का पालन कर क्षेत्र की जनता से ही दूरी बना लिए हैं। ऐसे समय में जब लोगों को अपने नेता से काफी अपेक्षाएं थीं उस समय नेताओं ने आमजन को अकेला छोड़ दिया है। समाजवादी पार्टी के युवा नेता मनन दूबे व रोहित चौबे ने सांसद व मंत्री का पोस्टर चिपका कर विरोध जताया है। वहीं कुछ युवा सांसद व मंत्री के अलावा विभिन्न दलों के नेताओं को सोशल साइट्स पर लापता होने का संदेश दे रहे हैं। सोशल मीडिया पर वायरल होती तस्वीर आमलोगों में चर्चा का विषय बनी हुई है।