जानकारी के अभाव में होती है वरासत मामले में परेशानी
एसिड हमलों के पीड़ितों के कल्याण और पुनर्वास के अधिकारों के प्रति जागरूकता शिविर का आयोजन रसडा तहसील के प्राथमिक पाठशाला परसिया नंबर दो पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा किया गया। मुख्य अतिथि प्राधिकरण के सचिव अनिल कुमार ने एसिड से पीड़ित के संबंध में कानून की विधिवत जानकारी दी।
जागरण संवाददाता, बलिया : एसिड अटैक के पीड़ितों के कल्याण और पुनर्वास के अधिकारों के प्रति जागरूकता शिविर का आयोजन रसड़ा तहसील के प्राथमिक पाठशाला परसिया नंबर दो पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से किया गया। मुख्य अतिथि प्राधिकरण के सचिव अनिल कुमार ने एसिड पीड़ित के संबंध में कानून की विधिवत जानकारी दी।
वरासत के संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि वरासत दर्ज करना राजस्व का मामला है। अगर किसी खातेदार की मृत्यु हो जाती है 13 दिन के अंदर वरासत दर्ज होकर उसकी खतौनी परिवार को मिल जानी चाहिए। यदि समय से वरासत दर्ज नहीं होता है तो लेखपाल, तहसीलदार से आप लोग इसके संबंध में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। आप जागरूक होकर अपने अधिकार का प्रयोग करें। समय से वरासत दर्ज नहीं होने पर कई किस्म की समस्याएं उत्पन्न होती हैं और आगे चलकर यह सिविल और फौजदारी के रूप भी ले सकती है।
श्री कुमार ने किसान दुर्घटना पर विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि किसान की आकस्मिक दुर्घटना होने पर पांच लाख मिलते हैं। यह सही भी व्यक्ति की क्षतिपूर्ति नहीं हो सकती, लेकिन इससे गरीबों को धान के रूप में यह राशि मिलने पर कुछ लाभ हो सकता है। 13 जुलाई को राष्ट्रीय लोक अदालत के बारे में भी जानकारियां दी। स्थाई लोक अदालत में कौन-कौन से मामले लाए जा सकते हैं इसकी पूरी जानकारी स्थाई लोक अदालत की सदस्य सपना पांडेय ने दी।
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