अंतिम रविवार को उमड़ी भीड़, दुकानदारों के बल्ले-बल्ले
ऐतिहासिक ददरी मेला-- -छुट्टी के दिन हर कोई परिवार संग मेला में पहुंच उठाए आनंद -ठसाठस भीड़ के बीच लोगों ने सामानों की जमकर की खरीदारी जागरण संवाददाता, बलिया : ऐतिहासिक ददरी मेला के अंतिम दिन रविवार को ठसाठस भीड़ रही।
जागरण संवाददाता, बलिया : ऐतिहासिक ददरी मेला के अंतिम दिन रविवार को ठसाठस भीड़ रही। इससे मेला क्षेत्र पूरी तरह से हाउसफुल रहा। परिवार संग हर कोई यहां पहुंच कर मेले का लुत्फ उठा रहा था। छुट्टी का दिन व अंतिम दिन होने के कारण दुकानें भी सुबह 9 बजे तक सज गई थीं। लोगों का आना भी जल्द ही शुरू हो गया। अमूमन मेले की दुकानें दिन के दस बजे से ही खुलती हैं, लेकिन छुट्टी का दिन होने से भीड़ की संभावना थी। इसको लेकर पुलिस भी काफी सतर्क दिखी। मेला प्रभारी विवेक पांडेय अपने हमराहियों के साथ पूरे दिन चक्रमण करते रहे। मेले में सुबह ही ग्रामीण क्षेत्रों के लोग बस, ट्रेन समेत अन्य साधनों से मुख्यालय पहुंच गए। बच्चों की संख्या मेले में अपेक्षाकृत अधिक दिखी जिससे वहां मस्ती का आलम अधिक रहा। झूला, चर्खी, मौत का कुआं, ड्रैगन ट्रेन का लुत्फ लेने के लिए लोगों को कतार में खड़ा होकर टिकट लेना पड़ा। मेले में गृहस्थी के सामानों की खूब बिक्री हुई। सुबह से शाम तक मेला पूरी तरह पैक रहा।
खूब बिके खादी के कपड़ें
मेले में खादी के कपड़े भी लोगों को खूब लुभा रहे हैं। खादी की प्रदर्शनी में खादी के वस्त्र के साथ ही चार, मुरब्बा समेत च्यवनप्राश आदि की भी खूब बिक्री हुई।
दुकानदार उखाड़ने लगे खूंटा-तंबू
महर्षि भृगु की पावन धरती पर कार्तिक पूर्णिमा के दिन से ऐतिहासिक ददरी मेला का मीना बाजार गुलजार रहा। दुकानदारों की मांग पर मेला दो दिन के लिए बढ़ा दिया गया था। देर रात तक चले मेले के बाद दुकानदार अपना सामान समेटने लगे। नपा कर्मचारियों ने गैर प्रांत और जनपद से आए दुकानदारों को अगले साल आने का न्यौता भी दिया। दुकानदार अपनी-अपनी दुकान समेटने में जुट गए पर बिक्री भी जारी रखी।