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मेजर की याचिका पर केंद्र व जम्मू-काश्मीर सरकार को नोटिस

मालेगांव धमाके के आरोपित क्षेत्र के रामनगर निवासी मेजर रमेश उपध्याय जम्मू एवं कश्मीर के लिए अलग संविधान की चुनौती पर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है। जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र व जम्मू एवं कश्मीर सरकार को जवाब देने के लिए निर्देशित किया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय इस याचिका पर नोटिस जारी करते हुए संविधान के अनुच्छेद-370 और 35 ए को चुनौती देने वाली अन्य याचिकाओं के साथ इसे भी जोड़ दिया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Nov 2018 10:31 PM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 10:31 PM (IST)
मेजर की याचिका पर केंद्र व जम्मू-काश्मीर सरकार को नोटिस
मेजर की याचिका पर केंद्र व जम्मू-काश्मीर सरकार को नोटिस

जागरण संवाददाता, दोकटी (बलिया) : मालेगांव धमाके के आरोपित क्षेत्र के रामनगर निवासी मेजर रमेश उपाध्याय जम्मू एवं कश्मीर के लिए अलग संविधान की चुनौती पर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है। इसमें सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र व जम्मू एवं कश्मीर सरकार को जवाब देने के लिए निर्देशित किया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय इस याचिका पर नोटिस जारी करते हुए संविधान के अनुच्छेद-370 और 35 ए को चुनौती देने वाली अन्य याचिकाओं के साथ इसे भी जोड़ दिया है। द्वाबा क्षेत्र में भी इस याचिका के समर्थन में कई लोग आगे आने लगे हैं। आमलोगों ने भी इस याचिका के लिए रमेश उपाध्याय की सराहना की है। याचिकाकर्ता के वकील विष्णु जैन ने पीठ से कहा है कि जम्मू-कश्मीर का अलग संविधान, भारतीय संविधान के विपरीत है। वहीं रमेश उपाध्याय कहते हैं कि जम्मू-कश्मीर का संविधान भारतीयता को अलग कर रहा है। यहां के लोगों में भेदभाव करता उत्पन्न करता है। इसलिए इसे निरस्त किया जाना चाहिए। बताया कि मैंने इस याचिका में भारतीय संसद से अनुच्छेद-370 में संशोधन का हक छीनने वाले राष्ट्रपति आदेश, 1954 को भी निरस्त करने की गुहार लगाई है। अब इंतजार है कि इसके जवाब में केंद्र और जम्मू एवं कश्मीर सरकार कौन सा तर्क देते हैं।

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