Move to Jagran APP

हरि नाम जप से श्रेष्ठतम कुछ नहीं

जागरण संवाददाता, सहतवार (बलिया) : अधिक मास (मलमास) के अवसर पर हरि कथा का गुणगान अनेक प

By JagranEdited By: Published: Mon, 04 Jun 2018 09:00 PM (IST)Updated: Mon, 04 Jun 2018 09:00 PM (IST)
हरि नाम जप से श्रेष्ठतम कुछ नहीं
हरि नाम जप से श्रेष्ठतम कुछ नहीं

जागरण संवाददाता, सहतवार (बलिया) : अधिक मास (मलमास) के अवसर पर हरि कथा का गुणगान अनेक पापों को मिटाने में सक्षम है। भगवान के इस पावन पुरुषोत्तम मास में किए हुए प्रत्येक शुभ कर्म का फल अत्यधिक मिलता है। यह बातें सहतवार चैनरामबाबा के समाधि स्थल पर चल रहे नौ दिवसीय विष्णु महायज्ञ के दौरान मथुरा से पधारे आचार्य सचिन कौशिक ने अपने प्रवचन के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि सत्संग की सदा से महिमा रही है। इस कलिकाल में तो हरि नाम जप से श्रेष्ठतम कुछ और है ही नहीं। सत्संग में भगवान के नाम में अद्भुत प्रभाव भरा हुआ है और सत्संग जब संतों के सानिध्य में हो तो आनंद व सौभाग्य अनेक गुना बढ़ जाता है। इस पावन भूमि पर एक संत की कृपा प्रसाद सदा से प्राप्त है। भारत भूमि तो संतों की भूमि है। संतों का स्वभाव कोमल होता है जिनके हृदय में जीवमात्र के कल्याण की भावना होती है। प्रवचन से पूर्व वाराणसी के भूतपूर्व वेद विभागाध्यक्ष मथुरा प्रसाद शास्त्री वेदाचार्य के नेतृत्व में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ अरण्य मंथन द्वारा अग्नि प्रकट कर हवन पूजन कर विष्णु महायज्ञ की शुरुआत की गई। अरण्य अग्नि मंथन के समय सभी यजमान सपत्नीक यज्ञ मंडप में उपस्थित होकर विधि विधान से पूजा पाठ किए। यज्ञ मंडप परिक्रमा को क्षेत्र के हजारों श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.