50 प्रतिशत अंक लाने पर ही छात्रवृत्ति
जागरण संवाददाता, बलिया : योगी सरकार के नए शासनादेश से पिछड़ा वर्ग के पचास प्रतिशत से कम अंक पाने वाले
जागरण संवाददाता, बलिया : योगी सरकार के नए शासनादेश से पिछड़ा वर्ग के पचास प्रतिशत से कम अंक पाने वाले छात्र-छात्राएं छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति की सरकारी मदद से वंचित हो गए हैं। पचास प्रतिशत से अधिक पाने वाले पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं को ही छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति का लाभ मिल सका है। हाईस्कूल में 50 फीसदी और इंटरमीडिएट में 60 फीसदी से कम अंक प्राप्त करने वाले ओबीसी छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति के लाभ से बाहर कर दिया गया है। वहीं दूसरी ओर खाते में रकम न जाने के कारण 60 फीसदी से अधिक अंक वाले कुछ छात्र भी सरकारी दफ्तरों का चक्कर काट रहे हैं।
पैसे के अभाव में हाईस्कूल, इंटरमीडिएट से लेकर अन्य प्रतियोगी पढ़ाई आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के छात्र-छात्राएं पूरी नहीं कर पाते। सरकार की ओर से ऐसे छात्र-छात्राओं को वजीफा और शुल्क प्रतिपूर्ति के जरिए आगे की पढ़ाई के लिए प्रेरित किया जाता है। पूर्वदशम और दशमोत्तर में फीस जमा करने के कुछ महीने बाद अभ्यर्थियों की फीस वापस हो जाती है। पूर्व के वर्षों में इसका लाभ सभी को मिलता था, लेकिन सूबे में सरकार बदलने के बाद ओबीसी छात्र-छात्राओं के लिए नई गाइडलाइन तय कर दी गई। इससे जिले के करीब 20 हजार से अधिक अभ्यर्थी शुल्क प्रतिपूर्ति और वजीफे से वंचित हो गए हैं। शासनादेश में कहा गया है कि जिन ओबीसी छात्र-छात्राओं का प्राप्तांक हाईस्कूल में 50 फीसदी और दशमोत्तर कक्षाओं में 60 फीसदी से कम है, वे छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति का लाभ नहीं पाएंगे। इससे अभ्यर्थियों में मायूसी छा गई है। वर्जन...
छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए शासन ने नए आदेश जारी कर दिए हैं। अगर छात्रों को छात्रवृत्ति का लाभ लेना है तो पढ़ाई भी करना जरूरी है। पढ़ाई करके अच्छे नंबर लाना भी जरुरी है तभी छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति का लाभ मिलेगा।
.कृष्णकांत राय, जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी, बलिया।