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वटवृक्ष की भांति अडिग रहे निराला

बलिया हिदी प्रचारिणी सभा की ओर से सरस्वती पूजन व बसंतोत्सव के साथ पं.सूर्यकांत निराला की जयंती गुरुवार को चलता पुस्तकालय में मनाई गई। अध्यक्षता करते हुए डा.रघुवंश मणि पाठक ने कहा कि निराला ने मुक्त छंद की रचना की वे महाप्राण थे किसी से भयभीत नहीं होते थे। वे स्वाभिमानी तो थे ही एक वटवृक्ष की भांति अडिग रहे तथा उनके पास जो आया उसने कुछ न कुछ पाया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 30 Jan 2020 07:50 PM (IST)Updated: Fri, 31 Jan 2020 06:05 AM (IST)
वटवृक्ष की भांति अडिग रहे निराला
वटवृक्ष की भांति अडिग रहे निराला

जासं, बलिया : हिदी प्रचारिणी सभा की ओर से सरस्वती पूजन व वसंतोत्सव के साथ पं.सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की जयंती गुरुवार को चलता पुस्तकालय में मनाई गई। अध्यक्षता करते हुए डा.रघुवंश मणि पाठक ने कहा कि निराला ने मुक्त छंद की रचना की वे महाप्राण थे, किसी से भयभीत नहीं होते थे। वे स्वाभिमानी तो थे ही एक वटवृक्ष की भांति अडिग रहे तथा उनके पास जो आया उसने कुछ न कुछ पाया।

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डा.शत्रुघ्न पांडेय ने उनको युग पुरुष बताया। रमेश चंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि उन्होंने विषम परिस्थितियों में भी समझौता नहीं किया। मंत्री शिवजी पांडेय ने हा कि महाप्राण निराला नवछंद के रचनाकार रहे जिन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता। सरस्वती पूजन शिवजी पांडेय द्वारा संपन्न हुआ जिसके आचार्य पं.विजय मिश्र थे। इस मौके पर रामसकल गिरि, अशोक, शशिप्रेम देव, नवचंद तिवारी, हीरालाल, कन्हैया पांडेय, अनंत प्रसाद, मोहन श्रीवास्तव आदि मौजूद थे। आभार रामसकल गिरि ने व्यक्त किया।


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