धान क्रय केंद्र खोलने में लापरवाही, अन्नदाताओं में आक्रोश
जागरण संवाददाता बलिया सरकार के कड़े निर्देशों के बावजूद धान क्रय केंद्र खोलने में हर स्
जागरण संवाददाता, बलिया : सरकार के कड़े निर्देशों के बावजूद धान क्रय केंद्र खोलने में हर स्तर पर लापरवाही बरती जा रही है। इससे अन्नदाताओं में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। अफसरों की अनदेखी व लापरवाही के कारण हर जगह बिचौलिए सक्रिय दिखाई पड़ रहे हैं। इसका परिणाम है कि पिछले एक पखवारे में मात्र 155 एमटी धान की खरीद हो पाई है।
अब भी चालीस प्रतिशत धान क्रय केंद्र बंद चल रहे हैं। इससे अन्नदाताओं को काफी मुश्किलों को सामना करना पड़ रहा है। आक्रोशित किसान अब व्यापक आंदोलन छेड़ने के मूड में हैं क्योंकि उन्हें बिचौलियों की मदद से धान बेचना पड़ रहा है।
केंद्र व प्रदेश सरकार किसानों की आय दोगुना करने को प्रतिबद्ध है। इसके लिए कई कल्याणकारी योजनाएं भी संचालित की जा रही हैं कितु स्थानीय स्तर पर अधिकारियों की लापरवाही किसानों पर भारी पड़ने लगी है। नजीर के तौर पर धान खरीद को ही देखा जा सकता है।
जनपद के 66 क्रय केंद्रों पर पिछले एक पखवारे से धान की खरीद की जा रही है पर हकीकत में अभी भी 40 फीसद केंद्रों पर ताला लटक रहा है। खरीद का जिम्मा संभाल रही पांच एजेंसियां कागजों में ही खरीद का आंकड़ा बढ़ा रही हैं। किसानों की मदद के लिए खोले गए धान क्रय केंद्र अन्नदाताओं को मुंह चिढ़ा रहे हैं। तमाम दावों के बाद भी अन्नदाता बिचौलियों के हाथों पैदावार बेचने को मजबूर हैं।
अन्नदाता राम उग्रह सिंह व केशव प्रजापित का कहना है कि सरकार लाख कोशिश कर ले संबंधित अधिकारियों की कार्यशैली नहीं बदल पा रही है। इससे जहां नीतियों पर सवाल खड़ा हो रहा है वहीं सरकार की किरकिरी भी हो रही है।
सुखपुरा : मार्केटिग गोदाम सुखपुरा पर बनाए गए धान क्रय केंद्र पर अभी तक मात्र सात किसानों से 360 कुंतल धान की खरीद की गई है। विपणन निरीक्षक प्रदीप कुमार ने बताया कि क्षेत्र में धान की कटाई विलंब से शुरू हुई इसलिए विलंब हो रहा है।
सिकन्दरपुर: तहसील क्षेत्र में चार धान क्रय केंद्र बनाए गए हैं। फिलहाल एक भी क्रय केंद्र चालू नहीं हो पाया है। इसमें पीसीएफ सिकंदरपुर व बहेरी तथा एग्रो बहेरी व पूर केंद्र शामिल हैं। इन क्रय केंद्रों पर धान की खरीद शुरू न होने से किसान काफी परेशान हैं। रबी की बोआई सिर पर है लिहाजा किसान धान बिचौलियों को 1000 से 1200 रूपए प्रति कुंतल के भाव से बेच रहे हैं।
गड़वार : स्थानीय ब्लॉक प्रांगड़ स्थित साधन सहकारी समिति, शाहपुर, बिसुकीया व सहसपुरा में धान क्रय केंद्र खोला गया है। लेकिन इन केंद्रों पर धान की खरीद नहीं हो पाई है।
चिलकहर: स्थानीय ब्लाक अंतर्गत खोला गया एक मात्र क्रय केंद्र नगपुरा पर अब तक मात्र दस किसानों से 420 कुंतल धान की खरीद हो पाई है। धान खरीद की धीमी रफ्तार से किसान काफी दुखी हैं। किसानों को कहना है कि इस गति से हम न इधर के होंगे न उधर के। इस चक्कर में रबी की बुआई भी पिछड़ जाएगी।
इंदरपुर: क्षेत्र के सवन, पियरही, मझौवां(इंदरपुर), बसनवार, बर्रेबोझ व सिकरियां में धान क्रय केंद्र खोला गया है। खरीददारी की बात कौन करे ये केंद्र चालू तक नहीं हो पाए हैं। इससे किसान की हताशा बढ़ गई है।
रसड़ा: तहसील क्षेत्र में 20 धान क्रय केंद्र बनाये गए हैं। जिनमें से 12 क्रय केंद्र संचालित हैं जबकि शेष अभी भी अघर में लटके हैं। बताया जा रहा है कि वित्त व स्टाफ की कमी की वजह से खरीद का कार्य इन केंद्रों पर शुरू नहीं हो पा रहा है। --------------
जिले में धान की कटाई विलंब से शुरु हुई। लिहाजा क्रय केंद्रों पर अभी किसान कम पहुंच रहे हैं। इसी वजह से खरीद की रफ्तार धीमी है। क्रय केंद्रों के बंद होने की शिकायतों की जांच कराई जा रही है। जांच कराकर संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
-अविनाश कुमार,
खाद्य विपणन अधिकारी