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पांच हजार कामगार ट्रेनों व बसों से पहुंचे, मिली राहत

बलिया लॉकडाउन के कारण उपजे हालात ने हजारों मजदूरों से जहां रोजी-रोटी छीन ली वहीं बड़ी तादाद में श्रमिक घर वापसी भी कर रहे हैं। यह सिलसिला पिछले करीब दो माह से चल रहा है। गुरुवार को भी गैर प्रांतों से श्रमिकों की घर वापसी हुई। हांलाकि प्रदेश सरकार की

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 May 2020 05:31 PM (IST)Updated: Thu, 21 May 2020 05:31 PM (IST)
पांच हजार कामगार ट्रेनों व बसों से पहुंचे, मिली राहत
पांच हजार कामगार ट्रेनों व बसों से पहुंचे, मिली राहत

जागरण संवाददाता, बलिया : लॉकडाउन के कारण उपजे हालात ने जहां हजारों मजदूरों की रोजी-रोटी छीन ली वहीं बड़ी तादाद में श्रमिक घर वापसी भी कर रहे हैं। यह सिलसिला अनवरत चल रहा है। गुरुवार को भी गैर प्रांतों से श्रमिकों की घर वापसी हुई। हांलाकि प्रदेश सरकार की सख्ती के बाद अब ट्रकों व अन्य प्राइवेट वाहनों से प्रवासी श्रमिकों का आगमन थमा है लेकिन श्रमिक स्पेशल ट्रेनों व राज्य परिवहन निगम की बसों से प्रवासियों का आना बदस्तूर जारी है। मॉडल रेलवे स्टेशन पर गुरुवार को अहले सुबह दो ट्रेनों से करीब 1561 अप्रवासी कामगार यहां पहुंचे। इनमें से करीब 661 अहमदाबाद से जबकि शेष महाराष्ट्र के कोल्हापुर से आए हैं। वहीं दिन में दिल्ली से तीन ट्रेनों में सवार होकर 1400 कामगार गृह जनपद पहुंचे। प्लेटफार्म संख्या एक पर पहले से मौजूद स्वास्थ्यकर्मियों व शिक्षकों की टीम ने बारी-बारी से यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिग की और नाम-पता नोट किया। तत्पश्चात आवश्यक जरूरतों को पूरा करने के बाद सभी को तीन हफ्ते का होम क्वारंटाइन की पर्ची देकर रोडवेज की बसों से घर भेज दिया गया। वहीं दूसरी तरफ रोडवेज बस स्टैंड पर पिछले 24 घंटे में प्रदेश के विभिन्न जनपदों से तकरीबन 80 बसें यहां आई। जिसमें करीब दो हजार प्रवासी मजदूर सवार थे। बस स्टैंड पर भी मौजूद टीम ने आगंतुकों की थर्मल स्क्रीनिग व नाम पता दर्ज करने के बाद होम क्वारंटाइन की सलाह देकर घर भेज दिया। बस के इंतजार में चार दर्जन मजदूर

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रोडवेज बस स्टैंड पर बिहार के बक्सर से आए चार दर्जन मजदूर अपने गृह जनपद ललितपुर जाने के लिए पूरे परिवार के साथ बस स्टैंड पर बस का इंतजार करते देखे गये। मजदूरों ने बताया कि सुबह से ही बस का इंतजार कर रहे हैं लेकिन अभी तक कोई बस नहीं मिली। वहीं रोडवेज के एक कर्मचारी ने बताया कि फिलहाल ललितपुर या आसपास के जनपद की कोई बस मौजूद नहीं है। बस आने पर ही सभी को यहां से रवाना किया जाएगा। स्थिति का उठा रहे नाजायज फायदा

लॉकडाउन के कारण जहां चारों तरफ अफरातफरी का माहौल है। हर कोई परेशान व बेहाल है वहीं शहर के कुछ आटो रिक्शा व ई रिक्शा चालक इसका नाजायज फायदा उठाने से बाज नहीं आ रहे हैं। खासकर गैर जनपदों से वापस लौटे कामगारों का जी भर के शोषण कर रहे हैं। श्रमिकों को स्पेशल ट्रेनों व बसों से निश्श़ुल्क यात्रा के बाद यहां पहुंचे लोगों को जिला प्रशासन द्वारा घर भेजने की माकूल व्यवस्था न होने से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसी को ई-रिक्शा व आटो चालक फायदा उठा रहे हैं। कुछ लोगों ने बताया कि शहर से महज 10 किमी की दूरी के लिए 500 से 600 रुपये तक चुकाना पड़ रहा है। आज भी आएंगे हजारों श्रमिक

बलिया : 22 मई -- शुक्रवार को गुजरात, दिल्ली व महाराष्ट्र से चार श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से हजारों कामगार आएंगे। इनके आगमन के मद्देनजर प्रशासन अलर्ट मोड में है। ट्रेनों से आने वाले कामगारों को बसों की मदद से उनके घरों तक भेजा जाएगा।


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