गंगा पर पक्का पुल के लिए प्रदर्शन, प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी
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जागरण संवाददाता, बलिया : बलिया-बैरिया एनएच-31 से दयाछपरा से नौरंगा गंगा उस पार के गांवों में लिए घोषित पक्का पुल बनाने की मांग को लेकर बुधवार को ग्रामीणों ने उग्र प्रदर्शन किया। इस दौरान शासन-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। पक्का पुल बनाने का प्रस्ताव दूसरी जगह जाने से आक्रोशित ग्रामीण कलेक्ट्रेट में जुटे और प्रदर्शन कर आक्रोश व्यक्त किया। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि अगर निर्धारित स्थल पर गंगा पर पक्का पुल नहीं बना तो व्यापक स्तर पर आंदोलन किया जाएगा। इस संबंध में ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को पत्रक भी सौंपा। इस प्रदर्शन में पूर्व मंत्री नारद भी शामिल हुए और उन्होंने ग्रामीणों की मांग जायज बताया।
कलेक्ट्रेट में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री नारद राय ने कहा कि नौरंगा गांव पूरी तरह से जिला मुख्यालय से कटा हुआ है। इसके चलते उस पार रहने वाले लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। खासकर बाढ़ व बरसात के दिनों में जीवन बहुत कठिन हो जाता है। ऐसे में वहां पर घोषित पक्का पुल का निर्माण होना चाहिए। कहा कि नौरंगा व भुआल छपरा गांव के लोगों ने देश की आजादी के लिए अपनी कुर्बानी दी थी और आज उसी गांव के लोगों के विकास की राह को जोड़ने के बजाय विकास को रोकने की साजिश हो रही है। इसे नौरंगा गांव के लोग बर्दाश्त नहीं करेंगे।
ग्रामीणों ने कहा कि परिवहन मंत्री नितिन गड़करी ने पक्का पुल का शिलान्यास 8 सितंबर 2016 किया था। इसके बाद साजिश के तहत इस पुल को दूसरी जगह निर्माण करने का प्रस्ताव कर दिया गया। वहां पर इसका बोर्ड भी लगा दिया गया है। गांव के प्रधान व गांव के सैकड़ों लोगों ने जिला अधिकारी कार्यालय पर पहुंचकर प्रमुखता से अपनी मांग रखी। कहा कि अब यह पुल नौरंगा से सटे शिवपुर घाट पर उत्तर प्रदेश की सीमा से बाहर बिहार राज्य की सीमा में बनाने की तैयारी है। नौरंगा गांव से शिवपुर के बीच की दूरी लगभग 15 से 20 किमी है।