अतिक्रमण व जाम की चपेट में कराह रहा नगरा बाजार
नगरा (बलिया) नियम कानून को ताक पर रख कर बिना पंजीकरण क्षेत्र में दर्जनों कोचिग सेंटर संचालित हो रहे हैं। खास बात यह है कि इन कोचिग संचालकों में इंटरमिडिएट व स्नातक उत्तीर्ण अध्यापक हैं। कुछ तो ऐसे कोचिग संस्थान हैं जो इंटरमीडिएट कालेजों के पास छात्र ही संचालित हो रहे हैं। नगरा (बलिया) नियम कानून को ताक पर रख कर बिना पंजीकरण क्षेत्र में दर्जनों कोचिग सेंटर संचालित हो रहे हैं। खास बात यह है कि इन कोचिग संचालकों में इंटरमिडिएट व स्नातक उत्तीर्ण अध्यापक हैं। कुछ तो ऐसे कोचिग संस्थान हैं जो इंटरमीडिएट कालेजों के पास छात्र ही संचालित हो रहे हैं। नगरा (बलिया) नियम कानून को ताक पर रख कर बिना पंजीकरण क्षेत्र में दर्जनों कोचिग सेंटर संचालित हो रहे हैं। खास बात यह है कि इन कोचिग संचालित हो रहे हैं।
जागरण संवाददाता, नगरा (बलिया) : अतिक्रमण व जाम ने नगरा बाजार की सूरत बिगाड़ दी है। अतिक्रमण बाबत डीएम का आदेश भी बेअसर साबित हो रहा है। हालत इतनी बदतर है कि आए दिन घंटों जाम लग जा रहा। इसके चलते राहगीरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नगरा-सिकंदरपुर मार्ग, नगरा-रसडा, नगरा-भीमपुरा तथा नगरा-बिल्थरारोड मार्ग की पटरियों पर दुकानदारों ने अवैध कब्जा कर रखा है।
जनता इंटर कालेज के मुख्य गेट से लेकर हनुमान चौक तक सड़क की दोनों पटरियों पर लगी सब्जी की दुकानें व ठेला खोमचा समस्या को और जटिल बना रहे हैं। वहीं रोशन शाह दाता की मजार के सामने मांस बिक्री से भी लोगों में काफी आक्रोश है। प्रति दिन लगने वाले जाम की खबर दैनिक जागरण में प्रकाशित होने के बाद डीएम ने एसडीएम रसड़ा को कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। अतिक्रमण हटाने के लिए मुनादी भी कराई गई, लेकिन बाद में विभाग हाथ खड़ा कर लिया। इसके चलते जाम की समस्या सुलझने की बजाए उलझती चली गई। लेखपाल बलिराम सिंह का कहना है कि सड़क लोकनिर्माण विभाग की है लिहाजा अतिक्रमण हटाने का अधिकार उसी को है। डीएम के आदेश के अनुपालन में आख्या लोक निर्माण विभाग को भेज दी गई है।